Expectation
Khetivyapar Modern Farming
Potential Fertilizer and Agrochemical Expenses

22,000रु.

Expected Yield

11 टन प्रति एकड़

Expected profit (Rs.)

5,20,000 रु.

Traditional Farming
Potential Fertilizer and Agrochemical Expenses

30,000 रु.

Expected Yield

7 टन प्रति एकड़

Expected profit (Rs.)

3,80,000 रु.

जलवायु (Climate)
  • अमरूद की खेती उष्णकटिबंधीय से लेकर उपोष्ण-कटिबंधीय जलवायु में की जाती हैं।
  • ठंड के मौसम में बेहतर उपज होती है।

तापमान (Temperature)

  • 16 से 32 डिग्री सेल्सीयस तापमान उपयुक्त होता है।

जलमांग (Water Requirement)

  • इस फसल के लिए 100 से 120 मिलीमीटर जल की आवश्यक है।
  • बारिश के दौरान तुड़ाई करने से फसल खराब हो सकती है।
मिट्टी (Soil)
  • इस फसल के लिए के लिए चिकनी दोमट से रेतीली दोमट मिट्टी उपयोगी होती है।
  • भूमि की जलधारण क्षमता की स्थिति के प्रति सवेंदनशील होती है।
  • नदी बेसिन बनाने से फसलों को लाभ होता है।

पीएच  (Ph)

  • आदर्श पीएच 4.5 से 8.2 होना चाहिए।
  • अगर पीएच 6 से कम है तब चुने का प्रयोग करें।
  • अगर पीएच 7.5 से अधिक है तब जिप्सम का प्रयोग करें।
प्रमुख किस्में (Variety)

सरदार (एल49)

विशेषताएं – यह अमरूद की बौनी किस्म है। सघन शाखाए, फैली हुई। गूदा क्रीमीरंग का, बड़ा फल, बाहर से खुरदरा।           

उपज – 130 से 160 क्विंटल प्रति पेड़

इलाहाबादी सफेदा

विशेषताएं – यह अमरूद की बौनी किस्म है। सघन शाखाए, फैली हुई। गूदा सफेद रंग का, बड़ा फल।

उपज – 135 से 148क्विंटल प्रति पेड़।

हप्सी

विशेषताएं – फल मध्यम आकार का। गुदा सफेद रंग का। डिब्बाबंदी के लिए अच्छी किस्म।

उपज – 135 से 148क्विंटल प्रति पेड़।

खेत की तैयारी (Preparation of Field)
  • जुताई मिट्टी की प्रकृति के अनुसार 1 से 2 बार जुताई करें व भूमि भुरभुरी हो जाए।
  • मिट्टी पलट हल हल से गहरी जुताई करें ताकि भूमि भुरभुरी हो जाए।
  • खेत में हेरो का प्रयोग करें।
  • खरपतवार खेत से बाहर करें।
पौधों के बीच की दूरी (Plant to Plant)
  • दो पौधों  की बीच की दूरी  -  6 मीटर
  • दो कतारों  की बीच की दूरी -  6 से 7  मीटर
खाद एवं उर्वरक (Manure & Fertilizer)

अमरूद की फसल में वर्ष में दो बार खाद एवं उर्वरक दिया जाता है।

फसल के पहले वर्ष 

  • गोबर खाद - 15 किलोग्राम प्रति पेड़।
  • यूरिया - 220 ग्राम प्रति पेड़।
  • एसएसपी - 250 ग्राम प्रति पेड़।
  • म्यूरेट ऑफ पोटास - 170 ग्राम प्रति पेड़।

फसल के दूसरे वर्ष

  • गोबर खाद - 20 किलोग्राम प्रति पेड़।
  • यूरिया - 420 ग्राम प्रति पेड़।
  • एसएसपी - 500 ग्राम प्रति पेड़।
  • म्यूरेट ऑफ पोटास - 340 ग्राम प्रति पेड़।

फसल के तीसरे वर्ष

  • गोबर खाद - 25 किलोग्राम प्रति पेड़।
  • यूरिया - 650 ग्राम प्रति पेड़।
  • एसएसपी - 750 ग्राम प्रति पेड़।
  • म्यूरेट ऑफ पोटास - 510 ग्राम प्रति पेड़।

फ़सल के चौथे वर्ष

  • गोबर खाद - 30  किलोग्राम प्रति पेड़।
  • यूरिया - 850 ग्राम प्रति पेड़।
  • एसएसपी - 1 किलोग्राम प्रति पेड़।
  • म्यूरेट ऑफ पोटास - 680 ग्राम प्रत पेड़।

फसल के पांचवे व छटे वर्ष

  • गोबर खाद - 25-40 किलोग्राम प्रति पेड़।
  • यूरिया - 750-1000 ग्राम प्रति पेड़।
  • एसएसपी - 2- 5 किलोग्राम प्रति पेड़।
  • म्यूरेट ऑफ पोटास - 1- 1.5 किलोग्राम प्रति पेड़।

यूरिया, एसएसपी व म्यूरेट ऑफ पोटाश को दो भागों में दे। गोबर खाद को एक बार में दे।
 

सिंचाई (Irrigation)
  • सर्दियों के दौरान प्रतिमाह सिंचाई करें।
  • ग्रीष्म ऋतु के दौरान थाला बना कर आवश्यकता अनुसार महीनें में 2 से 3 बार सिंचाई करें।

बुवाई के पूर्व  खरपतवार नियंत्रण के लिए  एट्राजिन  का उपयोग 600 मिली प्रति एकड़ के अनुसार कर सकते है।

कटाई (Harvesting)
  • अमरुद की फसल बुवाई के लगभग 3 वर्ष बाद फल लगते हैं।
  • मई-जून के अलावा साल भर तुड़ाई की जाती हैं।
  • फल पकते ही तोड़ने के तैयार किया जाता हैं।
  • तुड़ाई के समय कच्चे फल गहरे हरे रंग से हल्के हरे रंग में बदल जाते हैं।
  • तुड़ाई के बाद सफाई के बाद करे ग्रेडिंग औऱ पेकिंग का कार्य करे।
  • जल्द ही खराब होने की संभावना होने के कारण उसे बाज़ार में उतार दे।
  • पैकिंग के लिए सीएफबी, नालीदार फाइबर बॉक्स का प्रयोग करें।

उत्पादन (Yield)

  • औसत 200 किलो प्रति पेड़ उपज है।
  • बुवाई द्वारा 80-100 किलो प्रति पेड़।
  • ग्राफ्टिंग द्वारा 320-350 किलो प्रति पेड़।