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औषधीय पौधों के उत्पादन से किसानों को होगा दोगुना मुनाफा

औषधीय पौधों की खेती, किसानों के लिए मुनाफे का दांव
औषधीय पौधों की खेती, किसानों के लिए मुनाफे का दांव

आज के समय में औषधीय उत्पादों की मांग अधिक से अधिक बढ़ रही है जो किसान ही नहीं बल्कि सभी लोगों के लिये लाभकारी साबित हो रही है। किसान औषधीय पौधों का उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उपज कम और मांग अधिक होने के कारण किसानों को औषधीय फसलों के अच्छे दाम मिल रहे हैं। इस वजह से किसान औषधीय पौधों की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इसी के साथ बिहार राज्य की कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन के द्वारा किसानों को औषधीय, सगंध पौधों व की खेती के प्रति जागरूक करने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ मे आयोजित किया गया। 

किसानों को हुआ फायदा:

सीएसआईआर-सीमैप पिछले 60 सालों से औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती में किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं साथ ही नई-नई कृषि तकनीकी, एवं उन्नतशील प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करा रहा है जिससे लाखों किसानों को फायदा पहुंचा है। उन्होंने किसानो को कहा कि कृषि तकनीकियों को जानने के बाद उनको अपने खेत पर अपनाकर समय-समय पर वैज्ञानिकों से जानकारी लेनी चाहिए। 

इन औषधीय पौधों की खेती बन रहा किसानों के लिए वरदान: किसानों अनेक औषधीय पौधों की खेती जैसे अश्वगंधा, गिलोय, भृंगराज, सतावर, पुदीना, मोगरा, तुलसी, घृतकुमारी, ब्राह्मी, शंखपुष्पी और गूलर आदि पौधों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। औषधीय पौधों का उपयोग बडे पैमाने पर आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जाता है। इसमें आंवला, नीम और चंदन महत्वपूर्ण हैं। ये रोपाई के बाद पहले पेड़ का रूप लेते हैं और इनकी पत्तियां, फूल, फल, जड़ एवं तने के हिस्सों का इस्तेमाल दवाओं के रूप में किया जाता है। 

इन औषधीय पौधों से होगी कमाई: औषधीय पौधों में रासायनिक खाद, कीटनाशकों की आवश्यकता बहुत कम होता है और लागत भी कम आती है। एक बार फसल लगाकर अगले तीन वर्षों तक उत्पादन लिया जा सकता है। औषधीय पौधों की फसल से प्रथम वर्ष फसल की लागत करीब 30-40 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर आती है, जबकि पहले साल मुनाफा लगभग एक लाख प्रति हैक्टेयर से अधिक मिल सकता है। कई औषधीय पौधों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में किया जाता है। अनेक कंपनियां सौदर्य के प्रोडक्ट बनाने में पौधों का उपयोग करती हैं किसानों को यह कमाई का मौका देता है।

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