मक्का की खेती देश में पूरे साल की जाती है। पानी की उपलब्धता होने पर अलग-अलग क्षेत्रों में किसान पूरे साल इसकी खेती करते हैं। खरीफ सीजन में मक्के की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। मक्के की फसल के लिये अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तथा उपयुक्त जलवायु की आवष्यकता होती है। पीले सोने के रूप में मक्के की बुवाई बड़े पैमाने पर करके किसान प्रति हेक्टेयर एक से डेढ़ लाख तक का आय कमा सकते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को समय–समय पर मेढ़ पर मक्के की खेती से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं किसानों को प्रशिक्षण के साथ–साथ एक एकड़ में फसल लगाने के लिए बीज भी उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा किसानों को मक्के की फसल को कीट-रोगों से बचाने के लिए आवश्यक कीटनाशकों दवाओं का वितरण भी किया गया।
किसानों को मक्का की खेती के लिए दोमट मिट्टी अच्छी होती है। पलेवा करने के बाद मिट्टी पलटने वाले हल से 10 सेमी. गहरी जुताई करके बाद में कल्टीवेटर से 2-3 जुताई करें। फिर पाटा लगाकर खेत की तैयारी कर लें, इससे फसल की पैदावार खूब होगी। खरीफ सीजन में मक्का की उपज में 625-630 मिमी प्रति हेक्टेयर पानी की आवश्यकता होती है। खासकर उन राज्यों में जहां किसान वर्षा आधारित सिंचाई पर निर्भर रहते हैं। उन राज्यों में किसान बारिश के सीजन में ऊपरी जमीन पर मकई की खेती करते हैं और इसकी खेती से अच्छा उत्पादन हासिल करते हैं। खरीफ सीजन में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है।
खरीफ मौसम में मक्के की खेती से फसल चक्र सुधारने में मदद मिलती है और बेहतर मुनाफा भी किसानों को होता है। मक्के की बुवाई का समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक कर सकते हैं पहाड़ी और कम तापमान वाले क्षेत्रों में मई के अंत से जून के अंत तक मक्का की बुवाई की जा सकती है। यह एक ऐसी फसल है जो कम बारिश में भी तैयार हो जाती है और बेहतर उपज देती है। मक्के की फसल धान की तुलना में कम समय में ही तैयार हो जाती है जिससे किसान फसल को जल्दी से फसल को काटकर अगली फसल के तैयार होते हैं। इसके साथ ही मक्के की फसल गेहूं और दालों जैसी अन्य फसलों के साथ उगाया जा सकता है। इससे मिट्टी की उर्रवरता में सुधार होता है। साथ ही कीट और बीमारियों का प्रकोप भी कम होता है।
इससे किसानों को कितना फायदा होता है: मक्का के खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर एक से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं। जबकि धान की खेती करके किसान प्रति हेक्टेयर मात्र 35-40 हजार रुपये का ही शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। इसलिए खरीफ सीजन में मकई की खेती करना अधिक लाभदायक होता है। अधिक से अधिक किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।