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सरकार किसानों द्वारा उत्पादित की गई मसूर, उड़द और अरहर दाल खरीदेगी

केन्द्रीय कृषि एवं विकास कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राज्यसभा में कहा कि सरकार किसानों से द्वारा उत्पादित की गई सभी अरहर, उड़द और समूर दाल को खरीदेगी। इसके लिये सरकार ई-समृद्धि प्लेटफार्म के माध्यम से खरीद करेगी, इसके लिये किसानों को अपना पंजीकरण करवाना होगा। 

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों से एमएसपी के अन्तर्गत सबसे अधिक खरीद की है। पिछली यूपीए सरकार के आंकडों का हवाला देते हुये चैहान ने कहा कि 2003-2004 और 2013-14 के बीच एमएसपी मूल्य के तहत केवल 45 करोड़ मीट्रिक टन की खरीद की गई थी। जबकि वर्तमान एनडीए सरकार ने 2014-15 से 2023-24 के बीच कुल 96.18 करोड़ मीट्रिक टन की खरीद की गई है।

उन्होनें कहा कि स्वामीनाथन समिति ने किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देने की बात कही थी, लेकिन यह यूपीए सरकार थी जिसने इसे नजरअंदाज कर दिया। पिछली सरकार का एक कैबिनेट नोट पेश करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि उस सरकार ने स्वामीनाथन आयोग के सुझावों को यह कहते हुए मना कर दिया था कि एमएसपी और उत्पादन लागत के बीच यांत्रिक संबंध बाजार को विकृत कर देगा। डीएमके के एम. षणमुगम ने मांग की है कि चाय और काफी उत्पादकों को एमएसपी के दायरे में लाया जाए, क्योंकि वे भी कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं। कहा कि यह लंबे समय से लंबित मांग है कि चाय और काफी को आवश्यक वस्तु में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि इनके लिये कोई एमएसपी नहीं है। बागान मालिक इसकी मांग कर रहे हैं।

इस पर विचार करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि 23 फसलों पर एमएसपी दी जाती है और चाय व काफी का मामला वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री देखते हैं। डीएमके सदस्य द्वारा उठाए गए मुद्दे की सराहना करते हुए राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि विभागों के आवंटन के बाद उन्होने गोयल को बुलाया था और कहा था कि उनके मंत्रालय में कुछ बोर्ड और उद्यम हैं जो सीधे किसानो जुडे हैं।

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