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पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए 1000 करोड़ की सब्सिडी, चारे की व्यवस्था भी होगी बेहतर!

पशुपालन में सुधार के लिए ₹1000 करोड़ की सब्सिडी
पशुपालन में सुधार के लिए ₹1000 करोड़ की सब्सिडी

एंटरप्रेन्योरशिप डवलपमेंट सम्मेलन 2025 के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु को पशुपालन अवसंरचना विकास निधि योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा कर्नाटक, तेलंगाना और मध्यप्रदेश को एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए सम्मानित किया गया।

दूध उत्पादन बढ़ाने, पशुओं की नस्ल सुधारने और पशुओं के लिए पर्याप्त चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना भी है। इसके अलावा डेयरी, मीट और चारा क्षेत्रों में प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग योजनाएं चल रही हैं। इस संदर्भ में दो प्रमुख योजनाएं हैं।

₹1000 करोड़ से अधिक की सब्सिडी Subsidy of over ₹1000 crore:

मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के तहत अब तक ₹1000 करोड़ से अधिक की सब्सिडी दी जा चुकी है। वहीं AHIDF के तहत 362 परियोजनाओं को ब्याज में राहत देने के लिए लगभग ₹250 करोड़ की छूट दी गई है। इस एंटरप्रेन्योरशिप पहल को 'एंटरप्रेन्योरशिप डवलपमेंट सम्मेलन 2025 के रूप में नामित किया गया था।

362 डेयरी, मीट और चारा यूनिट्स को ₹248 करोड़ की राहत

सम्मेलन के दौरान पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने जानकारी दी कि AHIDF योजना के तहत डेयरी-मीट प्रोसेसिंग और चारा उत्पादन यूनिट्स के लिए ब्याज में राहत दी जाती है। अब तक इस योजना के तहत ₹10,357 करोड़ की लागत वाली 362 यूनिट्स को मंजूरी दी गई है और इन सभी यूनिट्स को ₹248 करोड़ की ब्याज राहत दी गई है।

पशु नस्ल सुधार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए:

मंत्रालय ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के बारे में भी जानकारी दी, जिसे 2021 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, कुल परियोजना लागत का 50% केंद्र सरकार देती है। यह राशि मुर्गीपालन, भेड़, बकरी, सुअर, ऊंट आदि की नस्ल सुधारने के लिए खर्च की जाती है, साथ ही चारा प्रोसेसिंग और उन्नत चारा उत्पादन के लिए बीज तैयार करने पर भी ध्यान दिया जाता है। मंत्रालय के अनुसार, अब तक ₹1000 करोड़ से अधिक की सब्सिडी 3,000 से अधिक यूनिट्स को दी गई है, जिनकी कुल लागत ₹2,182 करोड़ है। इस योजना के तहत पशुपालकों को पशुधन बीमा का लाभ भी दिया जाता है।

आसान ऋण प्रक्रिया के लिए बैंकों को किया गया सम्मानित:

केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह), राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन, साथ ही महाराष्ट्र की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री पंकजा मुंडे भी इस सम्मेलन में मौजूद थे। उन्होंने प्रदर्शनी में एंटरप्रेन्योर के स्टॉल्स का दौरा किया और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए आसान ऋण प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक समेत अन्य कई बैंकों को सम्मानित किया।

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