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प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त 5 अक्टूबर 2024 को वाशिम, महाराष्ट्र जारी पीएम मोदी द्वारा जारी की जायेगी। देशभर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को ₹20,000 करोड़ से अधिक की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता दी जाएगी, जो सीधे बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। लगभग 2.5 करोड़ किसान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिनमें 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और 5 लाख सामान्य सेवा केंद्रों के किसान वेबकास्ट के माध्यम से भाग लेंगे।
24 फरवरी 2019 को शुरू की गई पीएम-किसान योजना के तहत, भूमि जोतने वाले किसानों को वार्षिक रूप से ₹6,000 तीन समान किस्तों में प्रदान किए जाते हैं। इस 18वीं किस्त के वितरण के साथ, इस योजना के तहत अब तक ₹3.45 लाख करोड़ से अधिक का वितरण हो चुका है, जिससे 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ हुआ है। महाराष्ट्र में अब तक 17 किस्तों में लगभग ₹32,000 करोड़ का वितरण 1.20 करोड़ किसानों को किया जा चुका है, जो सभी राज्यों में दूसरा सबसे अधिक है। आगामी किस्त में, महाराष्ट्र के 91.51 लाख किसानों को ₹1,900 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त होगी।
पीएम-किसान की किस्त के साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी नमो शेतकरी महासन्मान निधि योजना की 5वीं किस्त के तहत महाराष्ट्र के किसानों को ₹2,000 करोड़ की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी जारी करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री 7,516 पूर्ण परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जो कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के तहत पूरी हुई हैं। पिछले 100 दिनों में पूरे देश में 10,066 से अधिक कृषि अवसंरचना परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें कुल ₹6,541 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इनमें से 7,516 परियोजनाएँ ₹1,929 करोड़ की हैं, जिनमें 35 एफपीओ परियोजनाएं भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी 9,200 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। केंद्रीय क्षेत्र योजना (CSS) के तहत FPOs के गठन और संवर्धन के तहत गठित इन संगठनों का वार्षिक संयुक्त कारोबार ₹1,300 करोड़ से अधिक है, और इनसे 24 लाख से अधिक किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें महिलाएं और अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान भी शामिल हैं।