विज्ञापन
दुनियाभर में इन दिनों किसान खेती के लिए नई-नई तकनीक अपना रहे हैं। कुछ किसान ऐसा अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए कर रहे हैं तो कुछ किसान जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसा कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन किसानों के सामने तापमान और नमी में उतार-चढ़ाव, मौसम परिवर्तन, पाला, कोहरा, ओला, लू, शीतलहर और कीटों जैसी कई चुनौतियां पेश कर रहा है। ऐसे में नई तकनीक से खेती करके इन चुनौतियों से बचा जा सकता है। ऐसी ही एक तकनीक है संरक्षित खेती। इससे किसानों को काफी फायदा पहुंच रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में...
संरक्षित खेती तकनीक के जरिए महंगी सब्जियों की खेती करना आसान है। इससे उन्हें रोगों और अन्य समस्याओं से बचाया जा सकता है। इसमें फसलों के अनुसार वातावरण को नियंत्रित किया जाता है। इसके जरिए कम क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जाता है। संरक्षित खेती में फसलों को प्राकृतिक आपदाओं और कारकों से बचाया जाता है।
संरक्षित खेती के प्रकार:
किस संरचना में कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती हैं:
बड़ी बचत संरक्षित खेती से प्रति हेक्टेयर में 5,000 रुपये की बचत होती है. इससे 20-35% पानी की बचत, समय की बचत- 25-30%, ईंधन की बचत- 60-75%, मेहनत की बचत- 25-30%, ट्रैक्टर चालन की बचत- 60-75% होती है। वहीं, उपज में 10-12% की बढ़ोतरी, खरपतवार में 30-45% की कमी, उर्वरक की 15 से 20% की बचत होती है।