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पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि राज्य की मंडियों में अब तक 16.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जिसमें से लगभग 2.62 लाख मीट्रिक टन धान का उठान भी किया जा चुका है। मंत्री जी ने राज्य के चावल मिल मालिकों से मिलिंग प्रक्रिया जल्द शुरू करने की अपील की है।
पंजाब सरकार ने अब तक 17 लाख टन धान की खरीद पूरी कर ली है, वहीं धान खरीद प्रक्रिया की धीमी गति और भंडारण समस्या को लेकर किसान संगठनों द्वारा विरोध जारी है। सरकार ने कहा है कि धान के भंडारण के लिए 40 लाख टन गेहूं को गोदामों से हटाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पंजाब से 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक करीब 18.31 लाख टन धान की फसल गोदामों में भेजी जा चुकी है, जिसमें से करीबन 16.37 लाख मीट्रिक टन की खरीद भी की जा चुकी है और 2.62 लाख मीट्रिक टन का उठान हो चुका है। अब तक किसानों को उनकी उपज के भुगतान के रूप में 3000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिल चुकी है। 2024-25 खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए पंजाब से 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।
चावल मिल मालिकों द्वारा उठाई गई भंडारण स्थान की कमी की समस्या पर मंत्री ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम ने अक्टूबर में पंजाब से करीब 13 लाख मीट्रिक टन खाद्य स्टॉक बाहर निकालने की योजना बनाई गई है। अब तक राज्य में 9.50 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण की व्यवस्था की जा चुकी है। दिसंबर माह तक 25-30 लाख मीट्रिक टन भंडारण स्थान उपलब्ध होने की उम्मीद है।
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मंत्री जी ने बताया कि गेहूं के स्टॉक को बाहर निकालने के बाद गोदामों में 40 लाख मीट्रिक टन चावल भंडारित किया जाएगा। चावल मिल मालिकों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि हमें भंडारण की कमी से जुड़ी कोई समस्या होने की संभावना नहीं है। लगभग 2100 चावल मिलर्स ने धान उठाने के लिए पंजीकरण कराया है और 1500 मिलर्स ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। हम उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे फसल उठाकर मिलिंग प्रक्रिया शुरू करें।