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प्रचंड गर्मी से किसानों को खेती से जुड़ी सभी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए जरूरी सलाह जारी की है। कृषि भौतिकी संभाग के वैज्ञानिकों ने कहा की लू और गर्म हवा से किसान, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों और फलों के बागानों में नियमित रूप से हल्की सिंचाई करें। साथ ही सब्जी की नर्सरी को भीषण गर्मी से बचाने के लिए दिन के समय ढककर रखें। इसमें उन्हें बताया गया है कि इस समय वह खेती से संबंधित किन बातों का ध्यान रखें।
इस मौसम में बेलवाली फसलों व सब्जियों में हल्की सिंचाई करना बहुत जरूरी है। मिट्टी में कम नमी होने से पौधे सूख जाते हैं। ऐसा होने पर फसल उत्पादन में कमी आ सकती है। इस सीजन में सब्जियों की नर्सरी और फलों में हल्की सिंचाई करें।
किसान हरी खाद के लिए सनई, ढैंचा की बुवाई कर सकते हैं। इसमें भी अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखना जरूरी है। ग्वार, मक्का, बाजरा आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। बीजों को 3-4 सेमी गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 सेमी रखें। अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को अच्छे से तैयार करें। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।
किसान सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम के समय कर सकते हैं। इसके बाद इन सब्जियों को छायादार स्थान में रखें। भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद प्रति एकड़ 5-10 किग्रा यूरिया डाले और माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक कीट पाये जाने पर प्रति लीटर पानी में 1.5-2 मिली की दर से ईथियांन मिलाकर फसल में छिड़काव करें।
बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाने के लिए, ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड़ कीटनाशी का इस्तेमाल करें। चार लीटर पानी में स्पिनोसेड़ 48 ईसी की 1 मिली मात्रा की दर से छिड़काव करें।