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भोपाल, मध्य प्रदेश: कमिश्नर कार्यालय में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में संभागायुक्त श्री संजीव सिंह ने भोपाल में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में जिला प्रशासन, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने भाग लिया। श्री सिंह ने इन विभागों को शहर की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए।
श्री सिंह ने आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस को अनफिट वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) इकाइयों द्वारा नियमित जांच कर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कहा। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हर तिमाही एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की रिपोर्ट की समीक्षा करने और हॉट स्पॉट क्षेत्रों की मॉनीटरिंग करने का सुझाव दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, कल भोपाल का औसत AQI स्तर 131 (मध्य श्रेणी) दर्ज किया गया था, जो चिंताजनक है।
बैठक में, श्री सिंह ने नगर में व्यावसायिक गतिविधियों, जैसे रेस्तरां और होटलों में अनधिकृत ईंधन के उपयोग पर रोक लगाने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने LPG के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने के मामलों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया और कृषि विस्तार अधिकारियों को किसानों को इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए कहा।
संभागायुक्त ने निगम आयुक्त को धूल उड़ने वाले स्थानों पर जल छिड़काव और सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने रात में कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगाने और इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। आरटीओ को पीयूसी मॉनिटरिंग को ऑनलाइन करने और जांच का दायरा बढ़ाने के लिए कहा गया। इसके साथ ही, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ अभियान चलाने और उन्हें वर्गीकृत करने के निर्देश दिए गए।
मेसर्स एआरआई पुणे द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी बताया गया है कि भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक को प्रभावित करने वाले मुख्य प्रदूषणकारी तत्वों में सड़क की धूल और यातायात परिवहन शामिल हैं। सड़क की धूल PM10 के 62.2% और PM2.5 के 38% के लिए जिम्मेदार है।
भोपाल नगर निगम ने वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए 100 दिन का विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें धूल दमन के लिए पानी का छिड़काव और यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों का उपयोग शामिल होगा। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर 85 फाउंटेन स्थापित किए जाएंगे और सभी कचरा संग्रहण वाहनों की पीयूसी जांच की जाएगी।