राज्य में लगातार बढ़ती गर्मी और लू की तीव्रता को देखते हुए उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल के दौरान बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं, बीमार व्यक्तियों और बाहर काम करने वाले श्रमिक की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सरकार और प्रशासन पूरी तरह सतर्क एवं तैयार हैं और प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की प्रबंध संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और अस्पताल अधीक्षकों को गर्मी या लू से संबंधित बीमारियों से सुरक्षा के लिये आवश्यक तैयारियों और जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी हीट रिलेटेड इलनेस से बचाव के दिशा-निर्देश जिलों व स्वास्थ्य संस्थाओं में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने और जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में इन पर चर्चा करने के निर्देश भी दिए हैं।
श्रमिकों और आमजन की सुरक्षा के लिए अपनाएं ये इंतज़ाम: कार्यस्थलों पर ठंडा पानी उपलब्ध कराएं और हर 20 मिनट में पानी पीने की सलाह दें। कार्य को सुबह या शाम के समय शेड्यूल करें। छांव की व्यवस्था करें और श्रमिकों को पर्याप्त विश्राम दें। 'बडी सिस्टम' अपनाएं और प्रशिक्षित फर्स्ट एड कर्मी तैनात करें। भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में जलपान, छांव और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था अनिवार्य करें।
हीट स्ट्रोक के लक्षण, ऐसे करें बचाव: गर्मी से हीट रैश, मांसपेशियों की ऐंठन, हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती हैं। हीट स्ट्रोक के लक्षणों में तेज बुखार, भ्रम, बेहोशी, त्वचा का लाल और गर्म होना शामिल है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है, अतः तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
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