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इस साल अचानक मौसम बदलने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। फरवरी में तापमान बढ़ने से और मार्च में बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि से रबी की फसलें बर्बाद हो गई हैं। बिहार के करीब 6 जिलों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य के 6 जिलों के 299 पंचायतों में 33% से ज्यादा फसलें प्रभावित हुई हैं। इसकी भरपाई करने के लिए बिहार सरकार ने किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि इनपुट अनुदान योजना आयोजित करवाई गई है, जो की किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है। बिहार सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 7 से 10 दिनों में किसानों को नुकसान का मुआवजा मिल सकता है। इसके लिए किसानों को बिहार डीबीटी पोर्टल पर 20 अप्रैल तक आवेदन करना होगा।
योजना के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसानों को सरकार द्वारा साल में 13,500 रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी। 23 जिलों के 196 ब्लॉक के छोटे किसानों को भी इस योजना का लाभ का मिलेगा। यदि आप भी इस योजना का आवेदन करना चाहते है तो आप बिहार राज्य की आधिकारिक वेबसाइट dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाना होगा।
असिंचित इलाकों की फसलों में हुए नुकसान के लिए 8.500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाएगा, वहीं सिंचित इलाकों की रबी फसलों में हुए नुकसान के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। गन्ना जैसी बहुवर्षीय फसलों में हुए नुकसान के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा मिलेगा।
योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता:
1. कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ सिर्फ किसान परिवारों को ही मिलेगा।
2. आवेदक बिहार का मूल निवासी होना चाहिए।
3. योजना का लाभ उठाने के लिए खेती योग्य जमीन और उसके कानूनी दस्तावेज होना जरूरी है।
4. रैयत किसानों को साल 2021-22 के लिए रसीद और गैर-रैयत किसानों को स्वघोषित घोषणा पत्र भी देना होगा।
जरूरी दस्तावेज:
योजना का लाभ उठाने के लिए पहचान पत्र,आधार कार्ड,भूमि के कागजात, बैंक खाता नंबर व IFSC कोड, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पास बुक, मूल निवास प्रमाण पत्र, घोषणा पत्र जैसे दस्तावेज होना अनिवार्य है।
इसके लिए आप बिहार कृषि विभाग के ऑफिशियल पोर्टल https://state.bihar.gov.in/krishi/CitizenHome.html पर https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। आवेदन करने के लिए किसान को अपने 13 अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर भी दर्ज करना होगा। इस पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया 10 अप्रैल से चालू होगी और 20 अप्रैल 2023 तक किसान आवेदन कर पाएंगे।