कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव के निर्देशानुसार कृषि अवसंरचना निधि की जिला स्तरीय कार्यशाला 16 जनवरी को कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषि अवसंरचना में सुधार के लिए संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना और किसानों को इसकी जानकारी प्रदान करना था।
उपसंचालक, किसान कल्याण और कृषि विकास ने बताया कि कृषि अवसंरचना निधि योजना की शुरुआत जुलाई 2020 में हुई थी, जिसका उद्देश्य फसल कटाई के बाद होने वाली क्षति को कम करना है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये की निधि घोषित की है, जिसमें से 7,440 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश को आवंटित किए गए हैं। देशभर में इस योजना के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर है, जिसके लिए राज्य को "बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट" अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
कटनी जिले ने वित्तीय लक्ष्यों को किया पार: वित्तीय वर्ष 2023-24 में कटनी जिले ने आवंटित 53 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 126% लक्ष्य की पूर्ति की। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 22 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 136% लक्ष्य हासिल किया गया है।
मंडी बोर्ड भोपाल से आए नोडल अधिकारी, श्री गोविंद प्रसाद शर्मा ने योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों, कृषि उद्यमियों, एफपीओ, स्टार्टअप्स, स्वयं सहायता समूहों और पैक्स जैसी संस्थाओं को 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 3% वार्षिक ब्याज सहायता प्रदान करती है।
प्राथमिक प्रोसेसिंग और सॉर्टिंग-ग्रेडिंग यूनिट से कृषि क्षेत्र में सुधार: कटनी जिले में मुख्यतः धान, गेहूं, चना और दलहन का उत्पादन होता है। इसके दृष्टिगत वेयरहाउस के अलावा प्राथमिक प्रोसेसिंग इकाइयों और सॉर्टिंग-ग्रेडिंग यूनिट जैसी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे कृषि अवसंरचना के क्षेत्र में संतुलित और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के तहत जिले में कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार देखने को मिल रहा है। किसानों को बेहतर अवसंरचना और सुविधाएं प्रदान कर उनकी आय बढ़ाने की दिशा में यह योजना एक मील का पत्थर साबित हो रही है।