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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और बढ़ते इनपुट खर्च का समाधान करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब बिना गारंटी के कृषि ऋण, जिसमें सहायक गतिविधियों के लिए ऋण भी शामिल हैं, की सीमा बढ़ाकर ₹2 लाख रुपये कर दी गई है। पहले यह सीमा ₹1.6 लाख रुपये थी। यह निर्णय किसानों पर महंगाई और कृषि इनपुट लागत के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को पर्याप्त वित्तीय सहायता देना है, ताकि वे अपनी खेती और विकास से जुड़ी ज़रूरतों को बिना किसी गारंटी दिए पूरा कर सकें।
देशभर के बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि:
यह कदम विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों (जो कुल किसानों का 86% हैं) के लिए फायदेमंद होगा। बिना गारंटी (जमानत) के ऋण मिलने से उनकी उधारी लागत कम होगी और वित्तीय पहुंच बढ़ेगी। इससे किसान आसानी से कर्ज लेकर कृषि कार्यों में निवेश कर सकेंगे और अपनी आजीविका सुधार पाएंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋण लेने की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी, जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। इसके साथ ही संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के तहत ₹3 लाख तक के ऋण पर केवल 4% ब्याज दर उपलब्ध होगी।
यह नीति न केवल किसानों के लिए वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है बल्कि कृषि क्षेत्र को मजबूत करती है। साथ ही, यह सरकार के दीर्घकालिक स्थायी कृषि के लक्ष्य को भी साकार करने में मददगार साबित होगी।
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