केंद्र सरकार द्वारा संचालित एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) स्कीम देश में कृषि अवसंरचना के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत कृषकों को 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ सात वर्षों तक दिया जाता है, जिससे वे आधुनिक कृषि सुविधाएं विकसित कर सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत वेयरहाउस, साइलोस, कस्टम हायरिंग सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग एवं ग्रेडिंग इकाइयां, प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयां, एयरोफोनिक और हाइड्रोफोनिक फार्मिंग, वर्टिकल फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग और स्मार्ट प्रिसीजन फार्मिंग के लिए अवसंरचना निर्माण किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश को वर्ष 2025-26 तक 7,440 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है, जिसके विरुद्ध अब तक 10,860 प्रकरणों में 7,804 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 10,047 प्रकरणों में 5,978 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है, जो कि देशभर में सर्वाधिक है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को 500 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। इसके विरुद्ध 2152 प्रकरणों में 1,240 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 248 प्रतिशत है। साथ ही 1,745 प्रकरणों में 721 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया गया है।
मध्यप्रदेश को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार: इस महत्वाकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश को वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में केंद्र सरकार द्वारा "अवार्ड" से सम्मानित किया गया है। यह राज्य में कृषि अवसंरचना के तीव्र विकास और किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है, जो उन्हें आधुनिक कृषि संसाधनों तक पहुंच दिलाकर उनकी आय में वृद्धि करने में सहायक साबित हो रही है।