कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 21 अप्रैल को ब्राजील दौरे से भारत लौटे। उनका यह दौरा 15वीं BRICS कृषि मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के अलावा, श्री चौहान ने भारत और ब्राजील के बीच कृषि व्यापार, प्रौद्योगिकी और नवाचार को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
ब्राजील दौरे के दौरान, श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत में सोया के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने भारतीय किसानों को वैश्विक प्रौद्योगिकियों से लाभान्वित करने की योजना बनाई है। उनका मानना है कि विभिन्न देशों के संयुक्त प्रयासों से वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
ब्राजील में कृषि मंत्रियों की बैठक के दौरान, श्री चौहान ने भारत के छोटे किसानों के लिए चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत समावेशी, समान और सतत कृषि के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने "वसुधैव कुटुम्बकम" की भावना का उल्लेख करते हुए सभी देशों के साथ विश्वास और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
कृषि प्रौद्योगिकी, नवाचार और व्यापार में सहयोग: श्री चौहान ने BRICS मंच पर कृषि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अनुसंधान, खाद्य प्रसंस्करण और व्यापार में सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता की बात की। उनका मानना है कि इन प्रयासों से विभिन्न देशों के किसान और कृषि उद्यमों को लाभ होगा।
श्री चौहान का यह दौरा केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि भारतीय कृषि के लिए तकनीकी नवाचार, उत्पादन में वृद्धि और वैश्विक साझेदारी की दिशा में एक ठोस पहल भी था। बैठक में कृषि प्रौद्योगिकी, जैव ईंधन, आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण और कृषि मशीनरी पर चर्चा की गई, जिससे भारतीय किसानों को वैश्विक तकनीकी लाभ मिलेगा। ब्राजील के कृषि निर्यात के पिछले 50 वर्षों में प्राप्त अद्वितीय सफलता ने भारत को भी प्रेरित किया है।
ब्राजील के कृषि मॉडल से सीख: श्री चौहान ने ब्राजील के कृषि मॉडल, मशीनीकरण, सिंचाई और अनुसंधान से सीखने की इच्छा व्यक्त की, ताकि इन तकनीकों को भारतीय कृषि में लागू किया जा सके और किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। दोनों देशों के बीच सोया उत्पादन और प्रसंस्करण में सहयोग के नए अवसर तलाशे जा रहे हैं।
भारतीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए निवेश: वर्तमान में भारत सोया तेल का आयात करता है, किन्तु अब भारत और ब्राजील दोनों देश मिलकर सोया उत्पादन तकनीकी, निवेश और संयंत्र स्थापित करने की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। इस सहयोग से भारत में सोया का उत्पादन और निर्यात बढ़ेगा।
पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम: श्री चौहान का रोजाना पौधारोपण करने का आदत ब्राजील में भी जारी रहा। उन्होंने भारतीय दूतावास, ब्रासीलिया में 'एक पेड़ माँ के नाम' पहल के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व के प्रति सम्मान को बढ़ावा मिला।
भारतीय प्रवासियों से मुलाकात: श्री चौहान ने ब्राजील के साओ पाओलो में भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात की और उनके द्विपक्षीय संबंधों में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता के 'अमृत काल' का समय है और 2047 तक हम भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करेंगे।