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कृषि, स्वास्थ्य और सतत विकास के लिए तीन नए AI उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना, शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

कृषि क्षेत्र में AI उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
कृषि क्षेत्र में AI उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना

शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तीन उत्कृष्टता केंद्रों (CoEs) की स्थापना की घोषणा की, जो स्वास्थ्य, कृषि और सतत शहरों पर केंद्रित होंगे। ये AI केंद्र अंतरविभागीय अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखते हैं, ताकि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रमुख चुनौतियों का समाधान किया जा सके। 
इन CoEs का नेतृत्व प्रमुख संस्थान करेंगे, जिनमें AIIMS, IIT दिल्ली, IIT रोपड़ और IIT कानपुर शामिल हैं, जो उद्योग भागीदारों और स्टार्टअप के साथ मिलकर काम करेंगे। यह पहल, जिसमें ₹990 करोड़ का वित्तीय आवंटन है, पहले संघीय बजट 2023-24 में पैरा 60 के तहत प्रस्तुत की गई थी और इसका कार्यकाल FY 2023-24 से FY 2027-28 तक होगा। 
 

कृषि क्षेत्र में भी AI उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना

कृषि सम्बंधित क्षेत्रों में भी धीरे धीरे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल देखने मिल रहा है, इस दौरान कृषि से सम्बंधित क्षेत्रों में भी युवाओं की दिलचस्पी बढ़ेगी। शिक्षा मंत्री ने कृषि क्षेत्र में AI उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करने की बात कही। इस एआई-सीओई से देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को और प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही नई पीढ़ी के लिए नौकरी के अवसर सृजित करने में सहायता होगी।
 

AI उत्कृष्टता केंद्र: भारत की साख को बढ़ाने का एक कदम

नई दिल्ली में उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, श्री प्रधान ने आशा व्यक्त की कि ये केंद्र AI-आधारित समाधानों के लिए वैश्विक हब बनेंगे। उन्होंने सार्वजनिक नीति को आकार देने और AI परिदृश्य में भारत की साख को आगे बढ़ाने में इनका महत्व बताया। श्री प्रधान के अनुसार, CoEs न केवल अनुसंधान का समर्थन करेंगे, बल्कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा देंगे और रोजगार पैदा करेंगे, जिससे भारत को एक वैश्विक AI नेता के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
इस कार्यक्रम में प्रमुख डिग्निटरिएस  की भागीदारी देखी गई, जिनमें शिक्षा मंत्रालय के सचिव श्री के. संजय मूर्ति; ज़ोहो कॉर्पोरेशन के CEO श्री श्रीधर वेंबू; और अन्य वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग के नेता और स्टार्टअप संस्थापक शामिल थे। श्री प्रधान ने इस पहल के प्रति उनकी प्रतिबद्धताओं को मान्यता देने के लिए CoEs का नेतृत्व करने वाले संस्थानों के प्रतिनिधियों को प्रतीकात्मक टोकंस प्रस्तुत किए।

अंतरविभागीय सहयोग से देश को मिलेगा लाभ

श्री संजय मूर्ति ने अंतरविभागीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया और बताया कि ये CoEs पूरे देश को लाभान्वित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। उन्होंने वास्तविक दुनिया की समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिस्पर्धात्मक चुनौती आधारित विधियों की भूमिका को रेखांकित किया।

अपैक्स समिति के सह-अध्यक्ष श्री श्रीधर वेंबू ने भारत की प्रतिभा पूल को निखारने के दीर्घकालिक लाभों और इन AI केंद्रों के स्वास्थ्य, कृषि और शहरी विकास पर समग्र प्रभाव पर जोर दिया।
AI CoEs अत्याधुनिक अनुप्रयोगों पर काम करेंगे, scalable समाधान विकसित करेंगे और इन क्षेत्रों में शीर्ष प्रतिभा को निखारेंगे, जो सरकार के "Make AI in India, Make AI work for India"  के दृष्टिकोण के अनुरूप है और भारत को AI-आधारित नवाचार के वैश्विक केंद्र में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 

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