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'आज़ादी का अमृत महोत्सव', जो देशभर में आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता के सत्कार के रूप में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव में, खेती और किसानों को भी एक महत्वपूर्ण भूमिका मिल रही है, जिससे हम 'मेरी माटी, मेरा देश' के सपने को और भी मजबूत बना सकते हैं। खेतों का संरक्षण इस महोत्सव में मुख्य धारा बन रहा है। खेती हमारे देश की आत्मनिर्भरता का मौल्यवान स्तम्भ है और इसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें अपने खेतों की भूमि का सही से प्रबंधन करना, सुरक्षित और आधुनिक तकनीक का उपयोग करना, और बुनियादी उपयोगी संसाधनों का सही से बचाव करना चाहिए। महात्मा गांधी ने कहा था, 'खेती ही हमारी देवी है'। इस महोत्सव में, हमें इस देवी की पूजा करने का समय है, जिससे हम सभी किसानों को सम्मानित महसूस करा सकते हैं और उनके संघर्षों को साझा कर सकते हैं। 'मेरी माटी, मेरा देश' का यह उत्सव हमें हमारी खेतों की सुरक्षा में सकारात्मक कदम बढ़ाने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित कर रहा है, ताकि हमारे किसान भाइयों और बहनों को समृद्धि और सुख-शांति का अनुभव हो सके।
‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान का आयोजन आज़ादी का अमृत महोत्सव पर देशभर के प्रत्येक ब्लॉक से मिट्टी इकट्ठा की गई और यह इकट्ठी हुई मिट्टी न्यू डेल्ही के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास अमृत वाटिका में समर्पित की गई, जो हमारे विविधता में एकता का प्रतीक है। इस सांघीक दिखावा का उद्दीपन भी है भारत की मिट्टी और वीरता का जश्न मनाने का, जिससे हम उन योद्धाओं की श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो अपने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। "आज़ादी का अमृत महोत्सव" एक ऐसा मौका है जब हम सभी को अपने कृषि तंत्र की समृद्धि, सुरक्षा, और स्वयंनिर्भरता की दिशा में एकमेव निष्ठा से आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। हमारा कृषि समुदाय, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में भारी योगदान दिया, आज भी हमारे देश की आत्मनिर्भरता के माध्यम से विश्व में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मतलब है अपने खेती के लिए नवीनतम तकनीक, उनोवेशन, और सुधारों का सही समय पर उपयोग करना। इसके साथ ही, अपनी फसलों को अच्छी तरह से प्रबंधित करना और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करना भी महत्वपूर्ण है। आत्मनिर्भर और सुरक्षित खेती के लिए, हमें अद्यतित खेती तकनीक, सुरक्षित खाद्य सुरक्षा, और बुनियादी ढाँचे के प्रति विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय किसानों को नए और सुरक्षित तरीकों से खेती करने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार को और अधिक सार्थक योजनाएं लागू करनी चाहिए। ऑनलाइन बाजारों, स्मार्ट खेती के उपायों, और खेती से संबंधित नए एप्लिकेशनों के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की जा सकती है। "आज़ादी का अमृत महोत्सव" के इस अवसर पर, हमें अपने राष्ट्र के खेतिहर को समृद्धि और सुरक्षा की दिशा में एक नए युग की शुरुआत के लिए सकारात्मक रूप से योजना बनाने का समय आ गया है। सिद्धांत को अपनाकर, हम अपने कृषि क्षेत्र को मजबूत और सुरक्षित बना सकते हैं, जिससे हम सभी को गर्वित महसूस होगा। यह हमारे किसानों को नए और बेहतर तरीकों से कृषि करने के लिए प्रेरित करेगा और हमारे खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करेगा।
आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री के स्पष्ट निर्देश ने कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का विशेष महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने बताया कि कृषि से जुड़े क्षेत्रों में नए और नवाचारी तकनीकों को अपनाने के लिए समर्थन प्रदान किया जाएगा, ताकि किसान अपने क्षेती में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने उच्च गुणवत्ता वाले बीजों और खादों के प्रबंधन को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया है। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि खेती के लिए नए तकनीकों का अध्ययन और उनका उपयोग भी बढ़ेगा। कृषि सेक्टर को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने की दिशा में एक नई ऊंचाइयों की ओर मुड़ते हैं।
पूरे देश की तरह ही, पपुम पारे जिले के इटानगर में भी ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान का शुभारंभ हुआ। पपुम पारे के नागरिकों ने शिलाफलकम स्मारक के प्रति अपने प्रतिबद्ध समर्पण को देखा, जिसमें वे उन बहादुरों की श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी स्वतंत्रता सेनानी, सैन्य के जवान, सीएपीएफ, और राज्य पुलिस। उन्होंने स्मारक पर ‘पंच प्राण’ की शपथ ली, जिसमें उन्होंने स्वतंत्र भारत की निर्माण की प्रतिज्ञा की, हमारी धरोहर की रक्षा करने का संकल्प लिया, एकता को बढ़ावा देने का आशीर्वाद किया, और उनकी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने हमारे देश की रक्षा की।
भारत की 77वीं स्वतंत्रता दिवस की सेलिब्रेशन के रूप में नामसाई जिले में आयोजित अमृत सरोवर प्रोग्राम ने भी ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान का हिस्सा बनाया। इसके दौरान, उप मुख्यमंत्री श्री चौना में, 2023 के 13 अगस्त को, चौखम सभागार संस्कृति दर्शन क्षेत्र के लोगों के साथ ‘मेरी माटी, मेरा देश’ अभियान का आयोजन किया गया। उन्होंने चौखम-II में शिलाफलकम को समर्पित करते हुए देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मिट्टी का संग्रहण अमृत वाटिका के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जो आपकी खेती को सुरक्षित और समृद्धि से भरा बना सकती है। मिट्टी से संबंधित सही तकनीक और उपायों का अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने खेतों की उपज बढ़ा सकें और उच्च गुणवत्ता वाले फल और सब्जियाँ प्राप्त कर सकें। 9 अगस्त को शुरू हुए 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान की गतिविधियों ने देशभर में एक नई ऊर्जा को जागृत किया है। इस अभियान ने राष्ट्रीय स्तर पर एक सांगीतिक समर्थन के साथ अमृत वाटिका की दिशा में हजारों लोगों को जुटा दिया है। यह मिट्टी का संग्रहण, जो हर ब्लॉक से किया गया है, देश की एकता का प्रतीक है और यह युद्ध स्मारक के पास सांगीतिक समर्थन के साथ एक सांगीतिक समर्थन का प्रतीक बनाता है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो हमारे वीर शहीदों की श्रद्धांजलि और उनके साहसपूर्ण बलिदान की याद को महत्वपूर्णता प्रदान करता है। मिट्टी का संग्रहण से वाटिका को संतुलित और पोषणयुक्त बनाए रखने के लिए आपको समर्थन और देखभाल प्रदान करने के लिए एक सशक्त योजना की आवश्यकता है। उचित मिट्टी प्रबंधन से आप अपने खेतों को बेहतर पौधों के लिए उपयुक्त बना सकते हैं, जिससे आपकी खेती में वृद्धि होगी और आप अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। संतुलित मिट्टी से संबंधित अन्य विषयों की तुलना में, आपके खेतों का सही संग्रहण वाटिका निर्माण करने से आप अपनी उत्पादक्षमता को बढ़ा सकते हैं और सुरक्षित खेती के लिए एक सुरक्षित माहौल बना सकते हैं।
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