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पिछले कुछ समय से बाजार दरों में उतार-चढ़ाव और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों को राहत प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोयाबीन के लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी मूल्य की घोषणा की।
सोयाबीन, जो एक प्रमुख नकदी फसल है, मुख्य रूप से दीवाली के पहले उगाई जाती है, क्योंकि यह किसानों को त्योहारों के दौरान त्वरित नकदी उपलब्ध कराती है। विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र सोयाबीन उत्पादन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जहां वाशिम, बुलढाना, अकोला, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, चंद्रपुर और भंडारा जैसे जिले प्रमुख उत्पादक हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि पश्चिम विदर्भ अकेले हर साल 7,100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का सोयाबीन उत्पादित करता है।
महाराष्ट्र सरकार ने संकटग्रस्त किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भांवंतर योजना भी शुरू की थी, जो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बाजार दरों में फर्क को उनकी बैंक खातों में सीधे पहुंचाने की सुविधा प्रदान करती है। हालांकि इन उपायों से किसानों को कुछ राहत मिली थी, प्रधानमंत्री द्वारा सोयाबीन के लिए 6,000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी मूल्य की घोषणा ने सोयाबीन किसानों में नए उत्साह और आशा का संचार किया है।