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बिहार सरकार ने राज्य के कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिए बीज मसाले की योजना की शुरुआत की है, जो कि 2024-25 के लिए लागू की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य राज्य के सभी 38 जिलों में किसानों को बीज मसालों के उत्पादन में मदद करना है। इस लेख में हम योजना की मुख्य जानकारी, पात्रता शर्तें, आवश्यक दस्तावेज, और आवेदन प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे।
बिहार बीज मसाले की योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बीज मसालों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।
कौन से किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं? इस योजना का लाभ वे सभी किसान ले सकते हैं जिनके पास 0.25 से 10 एकड़ भूमि है। गैर-रैयत किसान भी लाभ ले सकते हैं, बशर्ते उनके पास एकरारनामा हो।
आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक को प्रस्तुत करना अनिवार्य है
यदि राजस्व रसीद या भूमि स्वामित्व में आवेदक का नाम नहीं है, तो वंशावली का प्रमाण देना जरूरी है।
DBT में बैंक खाता कैसे पंजीकृत करें? सहायतानुदान DBT के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा, इसलिए किसान को DBT में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके लिए बैंक की शाखा से संपर्क करके आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सहायतानुदान वितरण प्रक्रिया: सहायतानुदान का वितरण CFMS द्वारा किया जाएगा। इसे किसानों के पंजीकृत DBT बैंक खाते में सीधे जमा किया जाएगा।
लाभुकों का चयन और महिलाओं की भागीदारी:
लाभुकों का चयन इस प्रकार किया जाएगा:
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक किसान बिहार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र को ध्यानपूर्वक भरने के बाद सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
निष्कर्ष: बिहार बीज मसाले की योजना 2024-25 किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी, जिससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि आर्थिक संबल भी मिलेगा। सभी इच्छुक कृषक अपने दस्तावेजों की जाँच करके जल्द ही आवेदन करें।
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