मध्यप्रदेश सरकार ने आयुर्वेद के महत्व को देखते हुए कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से सौ वर्ष जीने के लक्ष्य को साकार किया जा सकता है। उन्होंने इस अवसर पर आयुष क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
एमपी के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज स्थापित किए जाएंगे और नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों को आयुर्वेदिक, मेडिकल समेत अन्य कोर्स संचालित करने की अनुमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, आयुर्वेद में पैरामेडिकल और नर्सिंग कोर्स चलाने की व्यवस्था भी की जाएगी। आयुष से संबंधित क्लीनिक और नर्सिंग होम का पंजीकरण आयुष विभाग द्वारा किया जाएगा।
उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आयुर्वेदिक संस्थानों को स्थाई निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार आयुर्वेदिक उत्पादों की इकाइयों की स्थापना में भी सहयोग प्रदान करेगी।
नदी जोड़ो अभियान के लिये 1.75 लाख करोड़ की राशि जारी: मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश देश में सबसे पहले नदी जोड़ो अभियान का क्रियान्वयन कर रहा है। प्रदेश की नदियाँ न केवल मध्य प्रदेश बल्कि आसपास के राज्यों को भी समृद्ध कर रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 1 लाख 75 हजार करोड़ की राशि जारी की है।
आयुर्वेद में शोध को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता: आयुष, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने आयुर्वेद में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस दिशा में विशेष कदम उठा रही है। साथ ही आयुर्वेद के कर्मठ और निष्णात वैद्यों को सम्मानित किया।
आयुर्वेद के क्षेत्र में कई योजनाओं की घोषणा: उन्होंने आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रदेश की प्रतिबद्धता को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की। इसके तहत आयुर्वेदिक कॉलेजों का विस्तार, आयुष कोर्सेस, आयुर्वेदिक उत्पादों की इकाइयां और नदी जोड़ो अभियान जैसे महत्वपूर्ण कदम प्रदेश के विकास में योगदान देंगे।