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भारत के परमाणु ऊर्जा अनुसंधान केंद्र (BARC), मुंबई ने एक बार फिर कृषि नवाचार में अपनी अग्रणी भूमिका साबित करते हुए किसानों को 8 नई ट्रॉम्बे फसल किस्में समर्पित की हैं। रेडिएशन-आधारित म्यूटेशन ब्रिडिंग तकनीकों से विकसित ये उच्च उपज देने वाली, जलवायु-लचीली और गैर-GMO किस्में देश की कृषि में क्रांति लायेंगी। ये किस्में किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य और पोषण सुरक्षा को मजबूत करने और भारत के कृषि लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
इन नई किस्मों में 5 अनाज और 3 तिलहन शामिल हैं, जो देश के विभिन्न कृषि क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई हैं। इनका विकास राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से किया गया है। BARC के निदेशक श्री विवेक भसीन ने इन किस्मों को किसानों के लिए वरदान बताते हुए कहा कि इनकी जल्दी परिपक्वता, रोग प्रतिरोधक क्षमता, जलवायु सहनशीलता, लवण सहनशीलता और उच्च उत्पादकता जैसे गुण इन्हें विशेष बनाते हैं।
गेहूं की दो नई किस्में विकसित: BARC ने पहली बार गेंहूं की दो नई किस्में विकसित की हैं, जो गर्मी सहनशील और रोग प्रतिरोधक हैं:
चावल की पारंपरिक प्रजातियों की उपज कम होती है। BARC ने चावल की तीन नई किस्में विकसित की हैं:
तिलहन की तीन उन्नत किस्में विकसित: भारत के तेल बीज उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तिलहन की तीन नई किस्में विकसित की गई हैं:
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