केंद्र सरकार ने बीजी-II (बोलगार्ड-II) कपास बीज की कीमत में ₹37 की बढ़ोतरी की है, जिससे इसका खुदरा मूल्य अब ₹901 प्रति पैकेट हो गया है। वहीं, बीजी-I कपास बीज की कीमत ₹635 प्रति पैकेट तय की गई है। हालांकि, बीज उद्योग ने इस वृद्धि को अपर्याप्त बताते हुए निराशा जताई है।
फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) के अनुसार, बीज की कीमत में यह मामूली बढ़ोतरी बढ़ती उत्पादन लागत की भरपाई नहीं कर सकती। पिछले आठ वर्षों में कपास बीज की कीमत में केवल 1.8% सालाना वृद्धि हुई है, जबकि मजदूरी और खाद की कीमतें कई गुना बढ़ चुकी हैं।
बीज उत्पादकों का कहना है कि यदि बीज की कीमत ₹1,020 प्रति पैकेट होती, तो यह संतुलन बनाए रखता। भारतीय राष्ट्रीय बीज एसोसिएशन (NSAI) ने भी सरकार के फैसले पर असहमति जताई है, क्योंकि बीज कंपनियों ने ₹150 की वृद्धि की मांग की थी, लेकिन केवल ₹37 की मंजूरी मिली।
बीज की कमी और किसानों की परेशानी: विशेषज्ञों का मानना है कि कम कीमत के कारण रिसर्च और डेवलपमेंट पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे नई किस्मों का विकास रुक सकता है और बाजार में बीज की कमी हो सकती है। अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह किसानों को और संकट में डाल सकता है।
सरकार से पुनर्विचार की मांग: बीज उद्योग और किसान संगठनों ने सरकार से कपास बीज की कीमतों पर पुनर्विचार करने और उचित मूल्य निर्धारण के साथ एक व्यापक समाधान लागू करने की मांग की है।
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