आज 1 फरवरी को 11 बजे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट। यह आम बजट 2025-26 के लिये 6.3 से 6.8 विकास दर का अनुमान लगाया गया है। इस बजट सत्र पर किसानों को मिल सकती है राहत।
बेरोजगारी मुद्दे पर विषेश चर्चा हो सकती है, साथ इन्कम टैक्स पर भी चर्चा हो सकती है। किसान सम्मान निधि की किस्त बढाई जा सकती है। भारत सरकार इस बजट पर मध्यम वर्ग पर मुख्य फोकस कर सकती है। इन्कम टैक्स पर भी बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। इस आम बजट से देश के युवा वर्ग, बुजुर्गों व महिलाओं को ढेरों उम्मीदें हैं। देश की महिलाओं को उम्मीद है कि सरकार 'मिशन शक्ति', 'मातृ वंदना योजना' और 'जननी सुरक्षा योजना' जैसी योजनाओं के तहत इनका बजट बढ़ाएगी।
देश के सीनियर सिटीजेंस की मांग है कि सरकार 10 लाख तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स फ्री किया जाय। इसके अलावा, बुजुर्गों की मांग है कि रेगुलर इनकम न होने की वजह से जमा पूंजी पर ही उन्हें अधिक रिटर्न मिले ताकि उनकी जरूरतें भी आराम से पूरी हो सके। सीनियर सिटीजेंस ने आशा जताई है कि सरकार न्यू टैक्स रिजीम के तहत बेसिक एक्जंपशन लिमिट को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाए। देश के बुजुर्गों को उम्मीद है कि सरकार मेट्रो सीटिज में हाउस रेंट अलाउंस में भी इजाफा करें।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में बजट सत्र 2025 की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी को नमन करते हुए कहा कि बजट सत्र के प्रारंभ पर देवी लक्ष्मी का स्मरण करना शुभ माना जाता है, क्योंकि वे बुद्धि, समृद्धि और कल्याण प्रदान करती हैं। उन्होंने देश के गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए विशेष आशीर्वाद की प्रार्थना की। उन्होंने इस बजट सत्र को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट सत्र बताते हुए भरोसा जताया कि 2047 तक, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक देश विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
समग्र विकास की दिशा में मिशन मोड में सरकार:
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से समग्र विकास की दिशा में मिशन मोड में आगे बढ़ रही है। उन्होंने बजट सत्र के दौरान ऐतिहासिक विधेयकों और प्रस्तावों पर चर्चा होने की बात कही, जिनसे राष्ट्र निर्माण को मजबूती मिलेगी। साथ ही उन्होंने महिलाओं की गरिमा को पुनर्स्थापित करने और उन्हें समान अधिकार देने की प्रतिबद्धता दोहराई।
तेजी से विकास के लिए सुधार, प्रदर्शन और रूपांतरण आवश्यक: प्रधानमंत्री ने Reform, Perform और Transform के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर प्रदर्शन करना होगा और जनभागीदारी से रूपांतरण संभव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की युवा शक्ति इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभार्थी होगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह, आने वाले 25 साल समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए समर्पित होंगे। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों से इस बजट सत्र में सक्रिय भागीदारी निभाने और विकसित भारत के लक्ष्य को मजबूत करने की अपील की।
बजट सत्र को लेकर पीएम की आशा: प्रधानमंत्री मोदी ने आशा जताई कि यह बजट सत्र देश की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 के बाद यह पहला सत्र है, जब किसी विदेशी ताकत द्वारा कोई व्यवधान डालने की कोशिश नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हर सत्र से पहले अशांति फैलाने की कोशिशें होती थीं, लेकिन यह पहला सत्र है जब ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।