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Milk production: मध्य प्रदेश में डेयरी किसानों के लिए बड़ा कदम: दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नया समझौता

मध्य प्रदेश में डेयरी किसानों के अच्छे दिन
मध्य प्रदेश में डेयरी किसानों के अच्छे दिन

मध्य प्रदेश में डेयरी किसानों की आय बढ़ाने और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में 25 फरवरी को भोपाल में एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, राज्य के दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के बीच सहयोग समझौता (कोलैबोरेशन एग्रीमेंट) किया जाएगा।

डेयरी किसानों की आय होगी दोगुनी:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि यह समझौता पांच साल के लिए होगा और इसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है। इसके तहत:

  1. हर ग्राम पंचायत में दूध संग्रह केंद्र (कलेक्शन सेंटर) खोले जाएंगे।
  2. दुग्ध समितियों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 9,000 की जाएगी।
  3. दूध की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाकर 18 लाख लीटर से 30 लाख लीटर प्रतिदिन की जाएगी।
  4. दूध खरीद 10.5 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन की जाएगी।

डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा बड़ा निवेश:

राज्य सरकार श्वेत क्रांति मिशन के तहत ₹2,500 करोड़ के निवेश से हर जिले में सांची डेयरी के साथ मिलकर:

  1. मिल्क कूलर,
  2. मिनी डेयरी प्लांट,
  3. चिलिंग सेंटर बनाएगी।

इससे किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।

गांवों में दूध उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा:

  1. डेयरी सहकारी समितियों की संख्या 1,390 से बढ़ाकर 2,590 की जाएगी।
  2. दूध की खरीद 1.3 लाख किलोग्राम से बढ़ाकर 3.7 लाख किलोग्राम प्रतिदिन होगी।
  3. अगले पांच सालों में इस योजना पर ₹1,500 करोड़ का निवेश किया जाएगा।

डेयरी किसानों को मिलेगा सीधा फायदा: मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से दुग्ध उत्पादकों की वार्षिक आय ₹1,700 करोड़ से बढ़कर ₹3,500 करोड़ हो जाएगी। यह समझौता न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि मध्य प्रदेश की डेयरी इंडस्ट्री को भी मजबूत करेगा।

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