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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 7 दिसंबर, 2023 से लागू प्रतिबंध को हटा दिया है। हालांकि, निर्यातकों को $550 प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) का पालन करना होगा। यह कदम घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने और किसानों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किसानों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है। यह घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को स्थिर करने और किसानों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
माना जाता है कि सरकार ने लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। प्याज एक महत्वपूर्ण खाद्य वस्तु है और इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं।
किसानों और निर्यातकों को नुकसान: निर्यात प्रतिबंध से किसानों और निर्यातकों को भारी नुकसान हुआ था।
अंतर्राष्ट्रीय दबाव: भारत को प्याज निर्यात फिर से शुरू करने के लिए कई देशों से दबाव का सामना करना पड़ा था।
निर्यात शुल्क: सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात शुल्क भी लगाया है। पिछले साल भी प्याज निर्यात पर 40% निर्यात शुल्क लगाया गया था।
छह देशों में निर्यात की अनुमति: निर्यात प्रतिबंध के दौरान भी सरकार ने छह पड़ोसी देशों - बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका - को प्याज निर्यात करने की अनुमति दी थी। इन देशों को मिलाकर लगभग 1 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था।
ये फैसला भी लिया गया: सरकार ने देशी चने पर 31 दिसंबर 2025 तक आयात शुल्क से छूट देने का भी फैसला किया है। इसी तरह, पीली मटर पर आयात शुल्क में छूट को 31 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। ये सभी बदलाव 4 मई, 2024 से लागू हो गए हैं।