विज्ञापन
कड़वे करेले को खाना आपके लिए कितना भी कठीन हो लेकिन स्वास्थ्य के लिए करेला अनेकों को फायदे लेकर आता है। इसे घर में उगाना न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि जैविक और ताजा सब्जी का लाभ भी देता है। करेला उगाने के लिए विशेष तैयारी और देखभाल की जरूरत होती है। आइये, जानते करेला उगाने के टिप्स, औसत भाव और फायदे।
करेला उगाने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु अच्छा माना जाता है। करेले की खेती के लिए आपको रेतीली-दोमट मिट्टी का उपयोग करना चाहिए। मिट्टी को गहराई तक खोदकर उसमें वर्मी-कंपोस्ट और जैविक खाद मिलाएं। बीजों को 1 से 2 इंच गहराई में बोएं और ध्यान रखें कि पौधों के लिए पर्याप्त धूप उपलब्ध हो। करेला बेल वाली सब्जी है इसलिए इसे सहारे के लिए बांस या तार की व्यवस्था जरुर करे अन्यथा बेलों को संभालना मुश्किल हो सकता है। पौधें को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन अधिक पानी देने से बचें।
मिट्टी को हल्का और उपजाऊ बनाने के लिए उसमें गोबर की खाद और वर्मी-कंपोस्ट मिलाएं। मिट्टी को समय-समय पर ढीला करें ताकि जड़ों को हवा मिल सके। मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 6.7 के बीच होना चाहिए।
करेले की देखभाल: करेले के पौधों को कीट और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। समय-समय पर बेल की छंटाई करें ताकि पौधे को सही आकार मिले और उत्पादन बेहतर हो।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है करेला: करेले में विटामिन C, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और पाचन सुधारने में मदद करता है। करेले का रस त्वचा की चमक और बालों की मजबूती के लिए भी लाभकारी है।
किचन गार्डन में करेला उगाने से न केवल ताजगी और स्वाद का लाभ मिलता है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी किफायती है। इस सीजन अपने किचन गार्डन में करेला उगाएं और इसके लाभकारी गुणों का आनंद लें।
ये भी पढें...
ताजगी से भरपूर अपने किचन गार्डन में उगाएं ताजे आलू, जानें खेती के बेहतरीन सुझाव, खेतिव्यापार पर
सर्दियों में सेहत और स्वाद से भरपूर, अपने किचन गार्डन में उगाएं मीठी और ताजी गाजर, जाने आसान टिप्स
अपने किचन गार्डन या छत पर उगाए लाल टमाटर, जानें औसत भाव औऱ खेती टिप्स