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हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि किसानों को राहत प्रदान करने के लिए खरीफ फसलों पर 300 करोड़ रुपये की राशि बोनस के रूप में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए उनके खातों में जमा की जाएगी। इसके अलावा, 550 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी जल्द जारी की जाएगी। 16 अगस्त 2024 को सरकार ने 496.89 करोड़ रुपये की राशि किसानों को जारी की थी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2005 से 2014 तक किसानों को फसल खराबे के लिए 1,158 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई थी। वहीं, 2014 से अब तक 14,860.29 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे स्थानांतरित की गई है। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे प्राकृतिक खेती योजना के लिए किसानों को प्रेरित करें। अब तक इस योजना के जरिये करीब 23,776 किसानों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें से 9,910 किसानों का सत्यापन भी हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने अपने संकल्प-पत्र में सभी 24 फसलों की एमएसपी मूल्य पर खरीद का वादा किया था। इस खरीफ सीजन में धान और बाजरे की हर दाने की खरीद MSP पर की जा रही है। अब तक मंडियों में आए लगभग 52 लाख मीट्रिक टन धान में से 51.40 लाख मीट्रिक टन की खरीद पूरी कर ली गई है।
मंडियों में अब तक 4.76 लाख मीट्रिक टन बाजरा आया है, जिसमें से 4.67 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद MSP पर की गई है। इसके साथ ही, मूंग की फसल की खरीद भी शुरू हो चुकी है। अब तक मंडियों में 1,033 टन मूंग आया है, जिसमें से 580 टन मूंग की खरीद पूरी कर ली गई है।
किसानों के लिए सरकार के प्रयास: मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। बीज से बाजार तक सरकार ने हर कदम पर किसानों का साथ दिया है। सरकार ने अब तक 13,500 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित की है।
आढ़तियों के हित में हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: फसल खरीद प्रक्रिया में आढ़तियों की भूमिका को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उनके कमीशन को 46 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह कदम किसानों और आढ़तियों दोनों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
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