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Budget 2024 Live Updates in Hindi: बजट 2024 वो 4 तरीके, जिनसे भारत में खाद्य और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकता है

बजट-2024-वो-4-तरीके-जिनसे-भारत-में-खाद्य
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28 जनवरी (एस कुमार)...वित्त वर्ष 2023 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) लगभग 275 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जो देश के कुल जीवीए में 15% का योगदान देता है। वित्त वर्ष 2023 को समाप्त होने वाली 5 साल की अवधि के दौरान इस क्षेत्र ने लगभग 4% सीएजीआर की वृद्धि दर दिखाई है।

वित्त वर्ष 2023 में, सरकार ने कुल केंद्रीय बजट का लगभग 1.9% कृषि और संबद्ध क्षेत्र को आवंटित किया और लगभग 1.3% पीएम किसान योजना के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को समर्थन देने के लिए नामित किया गया था। एक महत्वपूर्ण हिस्सा, लगभग 8.3%, प्रमुख सब्सिडी की ओर निर्देशित किया गया था, जिसमें भोजन, उर्वरक और पेट्रोलियम सब्सिडी शामिल थी।

वित्त और प्रौद्योगिकी तक सीमित पहुंच के कारण किसानों के पास उत्पादकता बढ़ाने या प्रतिकूल मौसम की स्थिति, कीटों और बीमारियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं हैं।

अपर्याप्त भंडारण, अनुचित रख-रखाव, कीड़ों द्वारा क्षति और परिवहन बुनियादी ढांचे ने मामले को और अधिक जटिल बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप फसल कटाई के बाद नुकसान होता है। कई बिचौलियों से जुड़ी खंडित और जटिल आपूर्ति श्रृंखला के कारण यह चुनौती और बढ़ गई है। खाद्य हानि का यह मुद्दा गंभीर आर्थिक और पर्यावरणीय निहितार्थ रखता है, जैसा कि खाद्य और कृषि संगठन द्वारा रिपोर्ट किया गया है, भारत का खाद्य हानि प्रतिशत लगभग 4.5% है।

क्षेत्र की अपेक्षाएं एवं सिफारिशें

1: सतत विकास के लिए भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ाना
2: बुनियादी ढांचे में सुधार करके फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करना
3: कृषि-तकनीक अपनाने का मार्ग प्रशस्त करना
4: कृषि निर्यात को बढ़ावा देना

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