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किसान अधिकतर धान की नई और बेहतर किस्मों का चयन करके खेत में बुवाई करते हैं। कई किसान ऐसे भी होते हैं जो धान के उन्नत किस्मों के बीज नहीं खरीद पाते हैं। किसानों की इसी समस्या का हल निकालने के लिये उत्तर प्रदेश में सरकार की तरफ से अब किसानों को धान की बुवाई के लिए आधी कीमत में बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। धान की खेती के लिए जून का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। इस महीने में देश के दक्षिणी हिस्सों में मॉनसून पहुंच जाता है इसलिये किसानों के लिये धान की बुवाई का यह समय सबसे अच्छा है।
उत्तर प्रदेश में गेंहू और धान की खेती बडे पैमाने पर की जाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने बीज सब्सिडी योजना चलाई है। बीज सब्सिडी योजना के तहत किसानों को धान के बीजों पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा। जून से लेकर अगस्त और फिर अक्टूबर से दिसंबर तक धान की खेती की जाती है। बाकी फसलों की ही तरह धान की खेती के लिए भी अच्छी गुणवत्ता वाले बीज बहुत आवश्यक होते हैं।
इस योजना के जरिए किसानो को धान के बीज 50 फीसदी या फिर अधिकतर 2000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब आर्थिक सहायता दी जाती है। बीज सब्सिडी योजना के लिए आवेदन करते समय किसान को कुछ दस्तावेजों होने चाहिए, जो इस योजना का फायदा उठाने के लिए जरूरी हैं। इसमें आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आयु प्रमाण पत्र पासपोर्ट साइज फोटो और इसके अलावा किसान का आधार से लिंक मोबाइल नंबर होना चाहिए।
उपनिदेशक कृषि डॉ धीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करना होगा। राजकीय कृषि बीज भंडार पर जाकर ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद बीज खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई PR-113 या PR- 126 किस्म का बीज खरीदेगा, उसे मौके पर ही प्रति किलो के हिसाब सब्सिडी मिल जाएगी और ऐसे किसान जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में रजिस्टर्ड हैं, वो किसान बीज गोदाम पर जाकर बीज की मिनी किट नि:शुल्क प्राप्त कर सकते हैं।