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पत्तागोभी, भारतीय सब्जी मंडियों में एक महत्वपूर्ण सब्जी है, जो हर मौसम में खूब बिकती है। पत्तागोभी हर घर में यह अपनी जगह बना चुकी है, चाहे वह सलाद के रूप में हो, सब्जी के रूप में, या स्ट्रीट फूड में। 30 नवंबर 2024 को, मध्य प्रदेश और दिल्ली की प्रमुख मंडियों में पत्तागोभी के भाव और आवक के आँकड़ों को समझना न केवल किसानों बल्कि व्यापारियों के लिए भी जरूरी है। आइए जानते हैं इन मंडियों का ताजा हाल।
मध्य प्रदेश की मंडियाँ देश में अपनी गुणवत्ता और कीमतों के लिए जानी जाती हैं। यहाँ की प्रमुख मंडियों में पत्तागोभी की आवक और उसके ताजा भाव कुछ इस प्रकार रहे।
खुरई में पत्तागोभी का मंडी भाव: खुरई मंडी में पत्तागोभी की आवक 0.3 टन रही। न्यूनतम मूल्य ₹1,800 प्रति क्विंटल, अधिकतम मूल्य ₹2,000 प्रति क्विंटल, और मोडल मूल्य ₹1,900 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
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सनावद में पत्तागोभी का मंडी भाव: सनावद मंडी में 0.5 टन पत्तागोभी की आवक दर्ज की गई। यहाँ भी न्यूनतम मूल्य ₹1,800 प्रति क्विंटल, अधिकतम मूल्य ₹2,000 प्रति क्विंटल, और मोडल मूल्य ₹1,900 प्रति क्विंटल रहे।
सारंगपुर में पत्तागोभी का मंडी भाव: सारंगपुर मंडी में पत्तागोभी की आवक 1.4 टन रही। हालांकि, यहाँ कीमतें थोड़ी कम रहीं। न्यूनतम मूल्य ₹600 प्रति क्विंटल, अधिकतम मूल्य ₹1,450 प्रति क्विंटल, और मोडल मूल्य ₹900 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
सीहोर में पत्तागोभी का मंडी भाव: सीहोर मंडी में आवक केवल 0.1 टन रही। न्यूनतम मूल्य ₹1,000 प्रति क्विंटल, अधिकतम मूल्य ₹1,500 प्रति क्विंटल, और मोडल मूल्य ₹1,200 प्रति क्विंटल दर्ज हुआ।
दिल्ली की मंडियाँ, जैसे आज़ादपुर और केशोपुर, देश में सबसे बड़ी सब्जी मंडियों में गिनी जाती हैं। यहाँ पत्तागोभी की आवक और कीमतें काफी भिन्न रहीं।
आज़ादपुर में पत्तागोभी का मंडी भाव: आज़ादपुर मंडी में पत्तागोभी की आवक सबसे अधिक 162.8 टन रही। यहाँ न्यूनतम मूल्य ₹1,400 प्रति क्विंटल, अधिकतम मूल्य ₹2,200 प्रति क्विंटल, और मोडल मूल्य ₹1,800 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
केशोपुर में पत्तागोभी का मंडी भाव: केशोपुर मंडी में आवक 24.07 टन रही। यहाँ न्यूनतम मूल्य ₹1,600 प्रति क्विंटल, अधिकतम मूल्य ₹3,000 प्रति क्विंटल, और मोडल मूल्य ₹2,200 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
निष्कर्ष: 30 नवंबर 2024 को प्रमुख मंडियों में पत्तागोभी के भाव में भिन्नता देखने को मिली। मध्य प्रदेश और दिल्ली की मंडियों का अध्ययन यह दर्शाता है कि मांग और आपूर्ति, गुणवत्ता, और स्थानीय परिस्थितियां भाव को प्रभावित करती हैं। किसानों और व्यापारियों के लिए यह जरूरी है कि वे बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखें और अपनी रणनीतियां उसी अनुसार तय करें।
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