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Carbon Credit Trading: कृषि क्षेत्र में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग, किसानों के लिए सुनहरा अवसर

कृषि में कार्बन ट्रेडिंग भारत में एक नई शुरुआत
कृषि में कार्बन ट्रेडिंग भारत में एक नई शुरुआत

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि क्षेत्र में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग को बढावा देने के लिये एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने दिसंबर 2023 में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना के अन्तर्गत कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए नए अवसर प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत, संस्थाएं और किसान ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) परियोजनाओं को पंजीकृत करके कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।

कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग क्या है:

कार्बन क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना है, जो किसी देश  द्वारा किये गये कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास है। कार्बन ट्रेडिंग, कार्बन डाइआक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए एक योजना है। परियोजनाएँ संचालन के लिए कार्बन क्रेडिट की बिक्री पर निर्भर करती हैं, और बचाए गए या कम किए गए कार्बन उत्सर्जन के टन को सत्यापित करने के लिए स्वतंत्र रूप से ऑडिट की जाती हैं।

कार्बन क्रेडिट कैसे काम करते हैं:

कार्बन क्रेडिट के उपयोग से दुनियाभर में डीकार्बोनाइजेशन परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण वित्त प्रवाह को सक्षम बनाता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। कार्बन क्रेडिट का अंतिम लक्ष्य वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना है। कार्बन क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। पर्यावरण रक्षा कोष के अनुसार, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के मामले में यह 2,400 मील की ड्राइव के बराबर है।

छोटे और सीमांत किसानों को लाभ: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने छोटे व सीमांत किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ देने व प्रोत्साहित करने के लिए स्वैच्छिक कार्बन बाजार (वीसीएम) तैयार किया है। इस पहल से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और पर्यावरण के अनुकूल कृषि पद्धतियों में तेजी आएगी। किसान टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाकर कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्हें मिट्टी, पानी, जैव विविधता आदि जैसी बेहतर प्राकृतिक पूंजी के मामले में भी लाभ मिलेगा।

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वीसीएम के मुख्य उद्देश्य: वीसीएम का मुख्य उद्देश्य हितधारकों को जागरूक करने के साथ उनका क्षमता निर्माण करना और किसानों को टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। आगे चलकर यह सतत विकास लक्ष्यों में योगदान देगा, ग्रामीण आजीविका में सहायता प्रदान करेगा और कृषि में लचीलापन बढ़ाएगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है।

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