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केंद्र सरकार ने किसानों को बडा तोहफा दिया है। खरीफ फसलों की बुआई से पहले ही केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए 14 फसलों के एमएसपी मूल्य मे बढ़ोतरी की है। 19 जून बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, जिससे किसानों को उनकी फसल उत्पादन के लिए एमएसपी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
पिछले साल की अपेक्षा एमएसपी में ज्यादा से ज्यादा वृद्धि इस वर्ष तिलहन और दालों के लिये की गई है। केन्द्र सरकार ने धान के एमएसपी मूल्य को 117 रूपये बढ़ाकर 2300 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि नाइजरसीड में की गई है।
19 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए एक बेहद अहम फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, की इस कैबिनेट बैठक में खरीफ सीजन शुरू होने के साथ ही सरकार 14 फसलों पर MSP को बढ़ाने की मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने 2024-25 खरीफ विपणन सत्र के लिए धान का MSP 5.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।
खरीफ सीजन फसलों में धान के लिए एमएसपी 117 रुपये बढ़ाकर 2,300 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं मक्का में 135 रुपये बढ़ाकर 2225 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी कर दिया है। मूंगफली में 406 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 6783 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य कर दिया गया है। सोयाबीन में 292 रुपये बढ़ाकर 4892 रुपये कर दिया गया है। वहीं तिल की एमसीपी में 632 बढ़ाकर 9267 प्रति क्विंटल, तुअर/अरहर में 550 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 7550 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द के लिये 450 रुपये बढ़ाकर 7400 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं, मूंग में 124 रुपये बढ़ाकर 8622 प्रति क्विंटल कर दिया है। ज्वार (हाइब्रिड) 191 रुपये बढ़ाकर 3371 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा 125 रुपये बढ़ाकर 2625 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी 520 रुपये बढ़ाकर 7280 रुपये प्रति क्विंटल, नाइजरसीड 983 रुपये बढ़ाकर 8717 रुपये प्रति क्विंटल, कपास (मध्यम रेशा) 501 रुपये बढ़ाकर 7121 रुपये प्रति क्विंटल और रागी 444 रुपये बढ़ाकर 4290 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
किसानों को होगा लाभ: केंद्रीय सरकार ने खरीफ की 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है। अब किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अधिक मुनाफा होगा है।