By khetivyapar
पोस्टेड: 12 Dec, 2024 12:00 AM IST Updated Sat, 14 Dec 2024 11:30 AM IST
प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी के महीनों में शीत लहर का प्रभाव देखा जाता है और कभी-कभी यह घटना नवंबर से फरवरी तक जारी रहती है। शीत लहर, बारिश, कोहरा आदि देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले प्रमुख मौसम संबंधी खतरों के रूप में सामने आते हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, वैश्विक तापमान में विभिन्न मौसमों के दौरान काफी भिन्नताएं देखी जा रही हैं, जो पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि, पशुधन, आजीविका, सामाजिक-अर्थव्यवस्था और अन्य संबंधित क्षेत्रों पर विपरीत प्रभाव डालती हैं। वर्तमान में शीत ऋतु में शीत-घात (शीत लहर) के कारण अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनसे बचाव यदि समय पर किया जाए तो इन प्राकृतिक विपदाओं से निपटा जा सकता है।
शीत लहर क्या है What is cold wave?
शीत लहर तब होती है, जब सर्दी के मौसम में ठंडी हवाएं तेज़ी से चलने लगती हैं और तापमान तेजी से गिरने लगता है। इसे आसान शब्दों में इस तरह समझा जा सकता है कि जब सर्दी के मौसम में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर 4-5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, तो इसे शीतलहर कहा जाता है।
शीत लहर के लिए महत्वपूर्ण सलाह Important advice for cold wave:
- स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों से जारी जानकारी का पालन करें।
- पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें।
- नियमित रूप से गर्म पेय पदार्थ लें।
- शीत लहर के दौरान फ्लू, सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। इन लक्षणों के होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
- अगर शरीर का तापमान सामान्य से कम हो, कपकपी रुक न रही हो, याददाश्त चली गई हो, बेहोशी या मूर्छा जैसी स्थिति हो, या जबान लड़खड़ा रही हो, तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
शीत लहर के दौरान सुरक्षा और बचाव के उपाय:
- शीत लहर के दौरान गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर, जूते आदि पहनें।
- शीतलहर के दौरान चुस्त कपड़े न पहनें क्योंकि ये रक्त संचार को कम करते हैं। हल्के, ढीले और सूती कपड़े बाहर की तरफ और ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहनें।
- शीत लहर के दौरान जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और यदि अत्यंत आवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।
- पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें और शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
- नियमित रूप से गर्म पदार्थ पीने की आदत डालें।
- रूम हीटर का उपयोग करें, लेकिन इसके प्रयोग के दौरान उचित हवा निकासी का ध्यान रखें।
- अत्यधिक ठंड से प्रभावित शरीर के हिस्सों पर मालिश न करें, क्योंकि इससे अधिक नुकसान हो सकता है।