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लेडीज फिंगर जिसे भिंडी के नाम से भी जानते हैं, यह एक लोकप्रिय सब्जी है। सब्जियों में भिंडी का प्रमुख स्थान है। मुख्य रुप से भिंडी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवणों जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस के अतिरिक्त विटामिन ‘ए’, बी, ‘सी’, थाईमीन एवं रिबोफ्लेविन भी पाया जाता है। इसमें विटामिन ए तथा सी पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है। भिंडी की अगेती फसल लगाकर किसान भाई अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। भिंडी के फल में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है। प्रदेश के सभी जिलों में इसकी खेती की जा सकती हैं। अधिक उत्पादन तथा मौसम की भिंडी की उपज प्राप्त करने के लिए संकर भिंडी की किस्मों का विकास कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया हैं। ये किस्में येलो वेन मोजैक वाइरस रोग को सहन करने की अधिक क्षमता रखती हैं। भिंडी की खेती दुनिया भर में गर्म, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होती है।
भिंडी के लिये गर्म व नम वातावरण उपयुक्त होता है। बीज उगने के लिये 27-30 डिग्री से०ग्रे० तापमान उपयुक्त होता है। यह फसल ग्रीष्म तथा खरीफ, दोनों ही ऋतुओं में उगाई जाती है। भिंडी को उत्तम जल निकास वाली सभी तरह की भूमियों में उगाया जा सकता है। भूमि का पी0 एच० मान 7.0 से 7.8 होना उपयुक्त रहता है। भूमि की दो-तीन बार जुताई कर भुरभुरी कर तथा पाटा चलाकर समतल कर लेना चाहिए।
बीज बोने से पहले खेत को तैयार करने के लिये 2-3 बार जुताई लें। वर्षाकालीन भिंडी के लिए कतार से कतार दूरी 40-45 सें.मी. एवं कतारों में पौधे की बीच 25-30 सें.मी. का अंतर रखना चाहिए। बुवाई के पूर्व भिंडी के बीजों को 3 ग्राम मेन्कोजेब कार्बेन्डाजिम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। पूरे खेत को उचित आकार की पट्टियों में बांट लें जिससे कि सिंचाई करने में सुविधा हो। वर्षा ऋतु में जल भराव से बचाव हेतु उठी हुई क्यारियों में भिण्डी की बुवाई करना उचित रहता है। सिंचित अवस्था में 2.5 से 3 कि०ग्रा० तथा असिंचित दशा में 5-7 कि०ग्रा० प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। संकर किस्मों के लिए 5 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की बीजदर पर्याप्त होती है। भिंडी के बीज सीधे खेत में ही बोये जाते है।
भिंडी की सिंचाई: भिंडी की सिंचाई मार्च में 10-12 दिन, अप्रैल में 7-8 दिन और मई-जून मे 4-5 दिन के अन्तराल में करना चाहिए।
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भिंडी के लिये नर्सरी की तैयारी Nursery Preparation for Ladyfinger: भिंडी के लिये नर्सरी काकोपीट में पोरटरी के माध्यम से और सीडलिंग ट्रे को लो-टनल में रखना होगा। जब भिंडी के पौधे में 3-4 पत्तियां आ जाये तब भिंडी के पौधे का ट्रांसप्लान्ट खेत में कर सकते हैं। भिंडी की नर्सरी के लिये पोर्टरी की गहराई 2.5 से 3 इंच तक होनी चाहिए। जब भिंडी के पौधों का ट्रांसप्लांट करेंगे तब तापमान उपयुक्त होगा। भिंडी की बुवाई फरवरी के अंतिम सप्ताह में करते हैं।
कीट प्रबधंन Pest Management: