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Credit Guarantee Scheme: क्रेडिट गारंटी योजना से किसानों को वित्तीय मदद और आत्मनिर्भरता की ओर कदम, छोटे किसानों को इन योजनाओं का मिलेगा लाभ

क्रेडिट गारंटी योजना
क्रेडिट गारंटी योजना

भारत सरकार ने वित्तपोषण के लिए क्रेडिट गारंटी योजना लॉन्च की, जिसके तहत किसानों को ₹1,000 करोड़ का कोष प्रदान किया गया है, जिससे वे वेयरहाउसिंग डेवलेपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी से मान्यता प्राप्त गोदामों में संग्रहित अपनी उपज को ई-नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों के माध्यम से गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य किसानों को संकट के समय अपनी फसल कम कीमत पर बेचने से बचाना है। 

यह योजना भारत सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जो भारतीय कृषि को मजबूत करने, किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से किया गया है। कृषि क्षेत्र वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश के सकल मूल्य वर्धन में 17.7% का योगदान देता है और देश की आधी से अधिक आबादी को रोजगार प्रदान करता है।

छोटे किसानों को सशक्त बनाएगी क्रेडिट गारंटी योजना Credit guarantee scheme will empower small farmers:

ई-एनडब्ल्यूआर आधारित प्रतिज्ञा वित्तपोषण के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (CGS-NPF) ने बैंकिंग क्षेत्र सहित विभिन्न हितधारकों से भारी मांग प्राप्त की है। इस योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें संस्थागत वित्त तक पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति  और दिव्यांग किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई है। योजना के तहत छोटे ऋणों के लिए अधिक गारंटी कवरेज सुनिश्चित किया गया है, जिससे वित्तीय पहुंच को समान रूप से बढ़ावा मिलता है।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) Kisan Credit Card (KCC):

1998 में शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना किसानों को कृषि उत्पादन के लिए आवश्यक इनपुट और नकदी की आसान उपलब्धता प्रदान करती है। फरवरी 2019 में, RBI ने इस सुविधा को पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं तक भी बढ़ा दिया। 

संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS): संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) किसानों को फसल और संबंधित गतिविधियों के लिए रियायती अल्पकालिक कृषि ऋण प्रदान करती है। ₹3 लाख तक के ऋणों पर केवल 7% ब्याज लिया जाता है, जबकि समय पर भुगतान करने पर अतिरिक्त 3% की सब्सिडी दी जाती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर घटकर 4% हो जाती है। MISS के तहत छोटे किसानों के लिए पोस्ट-हार्वेस्ट ऋण भी उपलब्ध है। रियायती फसल ऋण वितरण ₹6.5 लाख करोड़ से बढ़कर ₹15.07 लाख करोड़ हो गया। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ब्याज सब्सिडी में भी 2.4 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में ₹14,252 करोड़ तक पहुंच गई। ये योजनाएं अन्य कृषि वित्त योजनाओं के साथ मिलकर किसानों को सशक्त बनाती है, उनकी उत्पादकता बढ़ाती है और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

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