विज्ञापन
मध्य प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती की ओर ध्यान देते हुए फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत गेहूं और धान की फसलों की जगह पर स्थानीय जलवायु के अनुकूल तथा बाजार संचालित अन्य फसलों को शामिल करने पर जोर दिया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने कहा था कि किसानों के आर्थिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए मांग आधारित फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष (2022-23) से तीन साल के लिए फसल विविधीकरण योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती के लिए क्षेत्रों का चयन कर काम शुरू कर दिया गया है। कैबिनेट कमेटी फॉर इंडस्ट्रियल प्रमोशन (सीसीआईपी) ने प्राकृतिक खेती के दो प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। मध्यप्रदेश फसल विविधीकरण के क्षेत्र में अन्य राज्यों की तुलना में तेजी से आगे बढ़ रहा है और यदि किसान इसमें रूचि लेने लगें तो प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना आसान हो जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार राज्य की दो प्रमुख फसलों धान और गेहूं की जगह प्राकृतिक खेती तकनीक के माध्यम से अन्य फसलों को उगाने पर ध्यान दिया जा रहा है। इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि राज्य की प्रमुख नकदी फसलों में से एक सोयाबीन का फसल क्षेत्र कम न हो और इसकी जगह धान और गेहूं की खेती की जाए। एक सरकारी नोट में कहा गया है कि राज्य में खरीफ सीजन धान और सोयाबीन पर आधारित है, जबकि रबी सीजन मुख्य रूप से गेहूं की फसल पर आधारित है।
24 जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक गेहूं या धान की खेती: खरीफ सीजन के दौरान कुल 148 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में से धान की खेती 34.04 लाख हेक्टेयर में होती है। राज्य के 24 जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक कृषि योग्य क्षेत्र में या तो गेहूं या धान की खेती होती है।
बाजार और निर्यात मांग पर आधारित फसल उगाने का प्रोत्साहन: फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के तहत, ऐसी फसलों की किस्मों को उगाने को प्रोत्साहित किया जाएगा जो सरकारी खरीद एमएसपी पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि बाजार और निर्यात मांग से प्रेरित हैं। इस योजना के तहत किसानों और उनकी फसलों का बाजार से सीधा जुड़ाव सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें किसानों की उपज की निश्चित खरीद की व्यवस्था होगी। किसानों के लिए विभिन्न कंपनियों, फार्म, संस्थाओं और निर्यातकों से बाय-बैक सुनिश्चित किया जाएगा। मानव संसाधन, प्रशिक्षण, इनपुट और अन्य आवश्यक व्यय के लिए सरकारी सहायता दी जाएगी।