अपेक्षा
खेतीव्यापार आधुनिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

8000 रु.

अपेक्षित उपज

14 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

60,00 रु.

पारम्परिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

10,000 रु.

अपेक्षित उपज

10 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

40,000 रु.

जलवायु (Climate)
  • चना एक रबी ऋतु की फसल है।
  • चने की फसल साल में एक बार ही ली जा सकती है।
  • यह कम बारिश वाले क्षेत्र में अधिक उपज और गुणवत्ता बेहतर होती है।

तापमान  (Temperature)

  • चने की फसल 24 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त है।
  • यह फसल नमी के प्रति संवेदनशील है। नमी से फसल की उपज में कमी आती है।

जलमांग (Water Requirement)

  • चने की फसल के लिए 600 से 900 मिली पानी की आवश्यकता होती है।
  • फसल के कई चरणों में जैसे बुवाई , पुष्पण और बीज बनने के समय में सिंचाई से नुकसान  होता है।
मृदा (Soil)
  • चना की फसल के लिए दोमट  से लेकर गहरी काली मृदा अनुकूल होती है।
  • इसके लिए रेतीली उत्तम जल निकास वाली मृदा का महत्वपुर्ण है।
  • क्षारीय मृदा से फसल को नुकसान हो सकता है।

पीएच  (Ph)

  • आदर्श पीएच 6.0 से 7.5 होना चाहिए।
  • अगर पीएच 6 से कम है तब चुने का प्रयोग करें।
  • अगर पीएच 7.5 से अधिक है तब जिप्सम का प्रयोग करें।
प्रमुख किस्में (Variety)

विजय (फुले जी -81-1-1)

जीवनकाल - 110 दिन
विशेषता – झुलसा के प्रति सहनशील, नमी युक्त भूमि के उपयुक्त किस्म
उपज – 8-9क्विंटल प्रति एकड़

हिरवा चफ़ा (ए के जी एस –1)

जीवनकाल - 110 दिन
विशेषता – झुलसा के प्रति सहनशील, नमी युक्त भूमि के उपयुक्त किस्म
उपज – 6.5क्विंटल प्रति एकड़

मुक्ता 

जीवनकाल - 108 दिन
विशेषता – उकटा रोग के प्रति सहनशील, नमी युक्त भूमि के उपयुक्त किस्म
उपज – 7.5क्विंटल प्रति एकड़

पीकेवी काबुली - 2

जीवनकाल - 112 दिन
विशेषता – झुलसा रोग के प्रति सहनशील,सफेद रंग के सफेद दाने
उपज – 6 क्विंटल प्रति एकड़

बीज दर (Seed Rate)
  • समय पर बूवाई के लिए – 25 से 30 किलोग्राम प्रति एकड़
  • देशी चना – 25 से 30 किलोग्राम प्रति एकड़
  • काबूली चना  –35 से 40 किलोग्राम प्रति एकड़

बीज उपचार (Seed Treatment)

  • थीरम या बॉविस्टीन द्वारा  बीज उपचार किया जाना चाहिए।

बूवाई का समय (Sowing Time)

  • नमी की स्थिति में सितम्बर के अंतिम सप्ताह में ।
  • सामान्यत: अक्टुबर के पहले से दूसरे सप्ताह में बूवाई कर सकते है।
खेत की तैयारी (Preparation of Field)
  • जूताई मिट्टी की प्रकृति के अनुसार 1 से 2 बार जुताई कर सकते है।
  • खेत में गोबर खाद 2 से 3 टन और कंपोस्ट बैक्टरिया मिलाए।
  • मिश्रण को मिट्टी लगभग दो सप्ताह खुला  रखे ताकि इसका अपघटन ठीक से हो सके।
  • खेत में रोटावेटर चलाए जिससे की खाद भूमि में मिल जाए व भूमि समतल हो जाए।
पौधों के बीच की दूरी (Plant to Plant)

देशी किस्में

  • दो पौधों  की बीच की दूरी  -  8 से 10 सेमी
  • दो कतारों  की बीच की दूरी  - दो पौधों  की बीच की दूरी  -  8 से 10 सेमी

काबूली किस्म

  • दो पौधों  की बीच की दूरी  - 8 से 10सेमी
  • दो कतारों  की बीच की दूरी  - 90 सेमी
खाद एवं उर्वरक (Manure & Fertilizer)
  • फसल का कूल एनपीके  की आवश्यकता 10:12:20 किलोग्राम प्रति एकड़

बूवाई के समय

  • यूरिया – 11 किलोग्राम
  • सिंगल सुपर फॉस्फेट – 125 किलोग्राम
  • म्युरेट ऑफ पोटास – 20 किलोग्राम

बूवाई के 1 माह के बाद

  • यूरिया – 11 किलो

जब पौधें परिपक्व हो रहे हो तब 5 से 6 किलो यूरिया प्रति एकड़ का छिड़काव करें।

सिंचाई
  • बाढ़ विधी(Flood Method) से फसल के 20 दिन, 45 दिन व 70 दिनों के उपरांत सिंचाई करें।
  • ड्रिप सिंचाई (Drip irrigation)  से सिंचाई करनें पर पानी की बचत व फसल की गुणवत्ता में सुधार कर सकते है।

अंतराशस्य क्रियाएँ (Interculture Operation)

  • बूवाई के 3 से 5 दिन के भीतर निराई गुराई करें।
  • बूवाई के 25 से 30 दिन के भीतर निराई गुराई करें।
कटाई (Harvesting)
  • बूवाई के 100 से 120 दिन बाद फसल परिपक्व होती है।
  • फली के 80 प्रतिशत तक सुख जाने के बाद कटाई करें।

उपज (Yield)

  • 10 से 14 क्विंटल प्रति एकड़