अपेक्षा
खेतीव्यापार आधुनिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

5,000 रु.

अपेक्षित उपज

8,500 प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

45,000 रु.

पारम्परिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

7,000 रु.

अपेक्षित उपज

5,800 प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

35,000 रु.

जलवायु (Climate)
  • धनिए के खेती के लिए शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है।
  • फसल पाला सहन करने के अनुकूल नहीं है।

तापमान (Temperature) ‘

  • धनिया की फसल की वृद्धि के लिए अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सीयस न्युनतम 20  डिग्री सेल्सीयस न्युनतम का तापमान उपयुक्त होता है।
  • फसल की वृद्धि में अधिक तापमान से अंकुरण एवं वनस्पति की वृद्धि रुकावट आती है।

जलमांग (Water Requirement) 

  • धनिये की खेती के लिए  80  से 100 मिली पानी की आवश्यकता होती है।
  • बीज के अंकुरित होने के बाद जलभराव की स्थिति फसल के लिए हानिकारक है।
मिट्टी (Soil)
  • सिंचाई की अच्छी सुविधा में जैविक पदार्थो की अच्छी मात्रा में हर प्रकार की मिट्टी में धनिये की खेती की जा सकती है।
  • इस फसल के लिए मिट्टी अच्छी जल निकास वाली दोमट मृदा उपयुक्त होती है।
  • क्षारीय, रेतीली या हल्की मिट्टी में खेती करने में समस्या आती है।

पीएच  (Ph)

  • आदर्श पीएच 6.0 से 8 होना चाहिए।
  • अगर पीएच 6 से कम है तब चुने का प्रयोग करें।
  • अगर पीएच 8 से अधिक है तब जिप्सम का प्रयोग करें।
प्रमुख किस्में (Variety)

कोकण कस्तूरी

  • जीवनकाल – 30 से 35 दिन
  • विशेषता – खुशबू, चौड़ी पत्तियां एवं 30 से 40 सेमी ऊंचाई
  • उपज –  36 क्विंटल प्रति एकड़
  • ऋतु – रबी

अर्का ईशा

  • जीवनकाल – 65 से 75 दिन
  • विशेषता – विटामिन सी से भरपूर, बहू छटाई का प्रकार, झाड़ियो वाले पौधे, सुगंध के साथ, चौड़ी पत्ती बेहतर गुणवत्ता के साथ ।
  • उपज –  12 क्विंटल प्रति एकड़
खेत की तैयारी (preparation of Field)
  • जूताई मिट्टी की प्रकृति के अनुसार 1 से 2 बार जुताई कर सकते है।
  • खेत में गोबर खाद 2 से 3 टन और कंपोस्ट बैक्टरिया मिलाए।
  • मिश्रण को मिट्टी लगभग दो सप्ताह खुला  रखे ताकि इसका अपघटन ठीक से हो सके।
  • खेत में रोटावेटर चलाए जिससे की खाद भूमि में मिल जाए व भूमि समतल हो जाए।

खाद एवं उर्वरक (Manure & Fertilizer)

  • आवश्यक मात्रा में एनपीके का अनुपात 8:16:8 है।

बुवाई के समय

  • 9 किलोग्राम यूरिया
  • 98 किलोग्राम सिंगल सूपर फॉस्फेट
  • 13 किलोग्राम म्युरेट ऑफ पोटास

बुवाई के एक माह बाद

  • 30 किलोग्राम यूरिया
बुवाई (Sowing)
  • धनिया रबी की फसल है।
  • क्यारियों मे समान रुप से बुवाई करें।  
  • बीज से अंकुरण 10 से 15 दिन में अंकुरित हो जाते है।
सिंचाई (Irrigation)
  • स्प्रिंकलर विधी से नियमित सिंचाई करें।
  • फ्लड मेथोड से सप्ताह में एक बार अवश्य सिंचाई करें।
अंतराशस्य क्रियाएं ( interaculture opration)
  • समय समय पर निराई गुड़ाई की जानी चाहिए।
  • बुवाई के तीन बाद ऑक्सीफ्लोरोफेन का छिड़काव 500 ग्राम प्रति एकड़ के अनुसार करें।

विरलीकरण

  • बुवाई के लगभग महिनें भर बाद विरलन की विधी की जाती है।
  • निकाले गए अंकुरित पौधों का उपयोग हरी सब्जि के रूप में किया जाता है।
  • विरलीरण में 4 इंच की ऊंचाई पर एक छाटनी के रुप में किया जाता है। इस विधी से शाखाएं में वृद्धि उगने में सहायक होती है।
कटाई (Harvasting)
  • फसल औसतन 40 से 45 दिन में परिपक्व किया जाता है।

उपज (Yield)

  • 20 से 25  क्विंटल प्रति एकड़