अपेक्षा
खेतीव्यापार आधुनिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

23,000रु

अपेक्षित उपज

115 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

1,10,000 रु

पारम्परिक खेती
संभावित उर्वरक और कृषि रसायन खर्च

28,000 रु.

अपेक्षित उपज

80 क्विंटल प्रति एकड़

अपेक्षित लाभ (रुपये)

80,000 रु

जलवायु (Climate)
  • प्याज की फसल को हर सीजन में उगाया जाता है।
  • फसल की कटाई के समय बारिश न हो इस प्रकार फसल प्याज की बुवाई की जानी चाहिए।
तापमान (Temperature)

15 से 25 डिग्री सेल्सीयस तापमान उपयुक्त होता है।

जलमांग (Water Requirement)
  • प्याज की फसल सिंचित क्षेत्र की फसल है।
  • इस फसल के लिए 400 से 700 मिलीमीटर जल की आवश्यक है।
  • फसल की वृद्धि के समय पर्याप्त सिंचाई करनी चाहिए।
मिट्टी (Soil)
  • इस फसल के लिए के लिए रेतीली दोमट उपयोगी होती है।
  • भूमि में ह्यूमस की मात्रा होने फसल बेहतर होती है।
  • इस फसल की अच्छी पैदावार के लिए उचित जलनिकास वाली भूमि अपनाए।

पीएच  (Ph)

  • आदर्श पीएच 6.5 से 7.5 होना चाहिए।
  • अगर पीएच 6 से कम है तब चुने का प्रयोग करें।
  • अगर पीएच 7.5 से अधिक है तब जिप्सम का प्रयोग करें।
प्रमुख किस्में (Variety)

पूना फुरसंगी

  • जीवनकाल – 95 से 105 दिन
  • विशेषता – लाल कंद गोलआकार होते है।
  • उपज – 120 से 140 क्विंटल प्रति एकड़

एग्री फाउंड लाइट रेड

  • जीवनकाल – 115 से 125 दिन
  • विशेषता – मोटे बल्ब गोल आकार के कंद होते है।   
  • उपज – 120 से 140 क्विंटल प्रति एकड़

एन- 53

  • जीवनकाल – 135 से 140 दिन
  • विशेषता – मोटे बल्ब गोल आकार के कंद होते है।    
  • उपज – 100 क्विंटल प्रति एकड़
नर्सरी की तैयारी (Preparation Of Nursery)
  • नर्सरी लगाने के स्थान पर जुताई करें।
  • साथ ही उचित मात्रा में गोबर खाद का प्रयोग करें।
  • नर्सरी का उचित आकार 300 सेमी x 75 सेमी x 15 सेमी होता है।
  • दो क्यारियों के बीच लगभग 50 से 70 सेमी दूरी होनी चाहिए।
  • बीज को भूमि में 3 सेमी अंदर बोना चाहिए।
  • नर्सरी की बुवाई के पूर्व क्यारियों को पॉलीथीन द्वारा उपचारित कर लें।
  • बीजों को व्यवस्थित क्रम में बोना चाहिए।

नर्सरी में खरपतवार व नमी संरक्षण के लिए घास या पॉलीथीन से मल्चिंग यानि ढक देना चाहिए।

बुवाई (Sowing)

  • खरीफ की प्याज की बुवाई जुलाई से अगस्त में किया जाता है। कटाई नवंबर दिसंबर में की जाती है।
  • रबी की बुवाई दिसंबर जनवरी में की जाती है व कटाई मार्च से मई तक कटाई की जाती है।

बीज दर (Seed Rate)

  • रबी - 6-7 किलोग्राम बीज प्रति एकड़
  • खरीफ – 3 किलोग्राम बीज प्रति एकड़
खेत की तैयारी (preparation of Field)
  • जुताई मिट्टी की प्रकृति के अनुसार 1 से 2 बार जुताई करें व भूमि भुरभुरी हो जाए।
  • खेत में गोबर खाद 7 टन और कंपोस्ट बैक्टरिया मिलाए।
  • मिश्रण को मिट्टी लगभग दो सप्ताह खुला  रखे ताकि इसका अपघटन ठीक से हो सके।
  • भूमि समतल करें व क्यारियां तैयार करें।
  • स्प्रिंकलर या ड्रिप से सिंचाई करें।
  • क्यारियों का आकार 6X2 मीटर की होना चाहिए।
  • अधिक उपज के लिए 1.2 मीटर .45 मीटर फरो के साथ क्यारीं बनाए।  
पौधों के बीच की दूरी (Plant to Plant)
  • दो पौधों  की बीच की दूरी  -  15 सेमी
  • दो कतारों  की बीच की दूरी -  8 से 10 सेमी

रोपाई (Plantation)

  • रोपे का चयन कर उसकी उचित देखबाल करें।
  • प्रत्यारोपण के बाद रोगों से बचाने के लिए या रोग लगने की संभावना के लिए कार्बेंडेजिम में जड़ो को 1 से 2 घंटे तक डुबो कर रखे।
खाद एवं उर्वरक (Manure & Fertilizer)
  • इस फसल के लिए अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा पोषण की आवश्यकता होती है।
  • उर्वरकों की मात्रा तय करने के पूर्व मृदा परीक्षण अवश्य कराए।
  • इसमें एनपीके की आवश्यकता 40:20:20 किलो प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है।

प्रत्यारोपण के समय

  • यूरिया – 43 किलोग्राम
  • सिंगल सुपर फॉस्फेट – 125 किलोग्राम
  • म्युरेट ऑफ पोटास 33 किलोग्राम

प्रत्यारोपण के महीने भर के बाद

  • यूरिया 22 किलोग्राम
  • प्रत्यारोपण के 45 दिन पश्चात
  • यूरिया- 22 किलोग्राम
सिंचाई (Irrigation)
  • खरीफ के सीजन में 5 से 8 बार सिंचाई करें।
  • देरी से बुवाई करने वाली फसल में 12 बार सिंचाई करें।
  • रबी के सीजन में 12 से 15 बार सिंचाई करें।
अंतराशस्य क्रियाएं (Intracultural)
  • बुवाई के 3 दिन बाद निराई गूड़ाई करें।
  • पेंडामेथालिन का छिड़काव 1 लीटर प्रति एकड़ के अनुसार करें।
कटाई (harvesting)
  • यह फसल लगभग 4 से 5 माह में अपना जीवन चक्र पूरा कर लेती है।
  • जब प्याज का कंद अपना आकार पूरा करें व पत्तियां सुख कर पीली पड़ने लगे तब आप खुदाई करें।
  • कंदो को खोदकर खेत में सुखाए।

उत्पादन (Yield)

  • खरीफ – 75 से 90 क्विंटल प्रति एकड़
  • रबी   -  90 से 100 क्विंटल प्रति एकड़