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आलू को अगर सब्जियों का राजा कहा जाए तो यह सटीक है. क्योंकि आलू एक ऐसी सब्जी है जो हर घर में पूरे साल खाई जाती है. कुछ आलू की किस्में लोग ज्यादा पसंद करते हैं. हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि किसानों को आलू की उपज से कम मुनाफा होता है. लेकिन कई किसान आलू से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे की आलू की पैदावार बढ़ाने और अच्छे किस्म का आलू पाने के लिए क्या करना होगा. इससे जरूर आपकी कमाई बढ़ जाएगी.
बाजार में बड़े आलू की भिंडेमंद ज्यादा रहती है. ऐसे में किसान आलू का आकार बढ़ाने के लिए एनपीके 0.0.50 का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके बाद एक अच्छा पीजीआर कल्टर लें और इसके साथ ही बी-20 बोरॉन लें. प्रति एकड़ की जमीन पर इसकी 200 से 210 ग्राम मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक फसल में नाइट्रोजन, सल्फर, फास्फोरस और कई अन्य पोषक तत्व को मिलाकर आलू का आकार बढ़ाया जा सकता है.
किसानों को सलाह दी जाती है कि अगर आलू की अच्छी फसल चाहते हैं तो खाद और उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के मुताबिक करना चाहिए. अगर किसान मृदा परीक्षण नहीं करा पाते हैं तो प्रति हेक्टेयर खाद और उर्वरक अच्छी मात्रा डालनी चाहिए. सलाह के अनुसार मिट्टी में ज्यादा मात्रा में गोबर की खाद, 120 से 150 किलो तक नाइट्रोजन, 80 किलो तक फास्फोरस और 80 से 100 किलो तक पोटाश मिलाना चाहिए.
पहली जुताई से पहले खेत में गोबर की खाद को समान रूप से फैलाकर मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करनी चाहिए. बुआई से पहले नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की आधी मात्रा भूमि में मेड़ बनाकर फैला दें. इसके बाद मेड़ों और सिंचाई नालियों को तैयार करें. नाइट्रोजन की बची हुई मात्रा रोपण के 30-35 दिन बाद, मिट्टी डालने से पहले तथा सिंचाई के बाद दें.