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देश में बड़ी संख्या में किसान फलों की खेती करते हैं। इनमें से कई किसान तो फलों की खेती से मुनाफा भी कमा रहे हैं। ये किसान अपने फलों का निर्यात दूसरे देशों तक में करते हैं। वहीं एक ऐसा ही एक मुनाफा देने वाला फल है ड्रैगन फ्रूट। इस समय देश के कई हिस्सों में इसकी खेती हो रही है। खास बात यह है कि इसकी खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। किसान एक एकड़ जमीन पर सालाना 6 लाख रुपये कमा सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे इसकी खेती की जाए।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कम भूमि में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा सकती है। इसका मतलब है कि छोटे किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती बंजर भूमि पर भी आसानी से हो सकती है। कम पानी खर्च करके यह फसल उगाई जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट की सबसे खास बात यह है कि इसे कम उपजाऊ भूमि में भी लगाया जा सकता है और अच्छी पैदावार ली जा सकती है। इसके पौधे अप्रैल-जुलाई में लगाए जाते हैं।
ड्रैगन फ्रूट की खेती व्यावसायिक स्तर पर भी संभव है। जो किसान ऐसा करना चाहते हैं उन्हें पहले अपने क्षेत्र की जलवायु का परीक्षण करना होगा। इसके लिए ड्रैगन फ्रूट के पेड़ लगाने होंगे और दो साल तक उसकी वृद्धि और उपज का निरीक्षण करना होगा। अगर पैदावार अच्छी हो तो ड्रैगन फ्रूट को व्यावसायिक तौर पर उगाया जा सकता है। इसके साथ ही इससे लाभ पाया जा सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक ड्रैगन फ्रूट के फलों की तुड़ाई जुलाई से नवम्बर के बीच में की जानी चाहिए। यह ऐसी फल है जिसमें 3 से 4 बार फलों की तुड़ाई की जा सकती है। ड्रैगन फ्रूट के फूल आने के 30-35 दिन बाद फल पक जाता है। घरेलू बाजार में बेचने के लिए छिलके का रंग हरे से लाल या गुलाबी में बदलने के 3-4 दिन बाद फलों की तुड़ाई की जा सकती है। अगर किसान दूर की मंडियों या शहरों में बेचने के लिए यह फल उगाते हैं तो उन्हें इसका रंग बदलने के एक दिन बाद ही इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए।