प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय को दोगुना करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड, संबद्ध दुग्ध संघों और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के बीच पांच वर्षीय सहकारिता अनुबंध (Collaboration Agreement) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह अनुबंध आपसी सहमति से आगे बढ़ाया भी जा सकेगा।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में दुग्ध संग्रहण केंद्र (कलेक्शन सेंटर) की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि की जाएगी। दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या में विस्तार किया जाएगा। इससे न केवल किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, बल्कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में नई क्रांति भी आएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार के संकल्प पत्र-2023 में प्रदेश के दुग्ध किसानों के लिए कई अहम वादे किए गए थे। इनमें हर ग्राम पंचायत में डेयरी सहकारी समिति और कलेक्शन सेंटर की स्थापना तथा श्वेत क्रांति मिशन के तहत ₹2500 करोड़ के निवेश से हर जिले में सांची डेयरी, मिल्क कूलर, मिनी डेयरी प्लांट, और चिलिंग सेंटर की संख्या में बढ़ोतरी का संकल्प शामिल था।
यह अनुबंध इन संकल्पों को मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभाएगा और राज्य की सहकारी दुग्ध प्रणाली को मजबूती देगा।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) मध्य प्रदेश के प्रतिष्ठित ‘सांची’ ब्रांड को और अधिक सशक्त बनाएगा। ‘सांची’ को राष्ट्रीय स्तर पर पूर्व से स्थापित ब्रांड के रूप में बनाए रखा जाएगा और इसके नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। इस सहयोग के तहत दुग्ध संघों के प्रबंधन और संचालन के लिए NDDB द्वारा कोई अतिरिक्त प्रबंधन शुल्क नहीं लिया जाएगा। दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए शिकायत निवारण प्रणाली भी विकसित की जाएगी। यह पहल प्रदेश के दुग्ध किसानों के लिए सशक्त भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी और ‘सांची’ ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगी।