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भारत के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद 100 दिन की अवधि में 100 नई बीज की किस्में फार्म टेक्नोलाजी विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। यह पहल सरकार की 100 दिन की कार्ययोजना के तहत काम कर रही है। यह योजना फार्म टेक्नोलाजी के अलावा जलवायु-अनुकूल और जैव-सशक्त बीज किस्मों पर केन्द्रित है।
आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने प्रौद्योगिकी दिवस समारोह के अवसर पर कहा कि हम दो प्रमुख कार्ययोजनाओं पर काम कर रहे हैं- 100 दिन में 100 नई बीज किस्में तथा 100 दिन में 100 प्रौद्योगिकी। आईसीएआर ने संकेत देते हुए बताया कि हम इन नवाचारों के अनावरण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से समय की मांग कर रहे हैं। दुनियाभर में 5,521 वैज्ञानिकों ने अपने कार्य के साथ आईसीएआर धान गेहूं और बागवानी के साथ विभिन्न फसलों की नई बीज किस्में विकसित कर रही है।
आईसीएआर विभिन्न संस्थानों व कृषि विज्ञान केंन्द्रों में अच्छी गुणवत्ता एवं उच्च उपज वाली तिलहन और दलहन किस्मों के लिये बीज हब की स्थापना पर बात कर रहे हैं। इसमें तिलहन हब को 174 जिलों तक विस्तारित करना तथा 130 जिलों में दलहन बीजों के लिये आदर्श ग्राम हब को स्थापित करना शामिल है। आईसीएआर 2023 में विकसित 40 नवीन प्रौद्योगिकियों का प्रदर्षन किया। इस योजना में करीब 100 उद्योग जगत के प्रमुख करोबारी भाग लेंगे।
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उत्पादों और प्रौद्योगिकियों की रूपरेखा: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने 16 जुलाई को 96 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। आईसीएआर ने नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाले वैज्ञानिकों की रूपरेखा तैयार करते हुए 5 साल की रणनीति तैयार की है। प्रदर्शनी के दौरान फसलों में पोषक तत्वों और पानी की कमी का पता लगाने के लिए हैंडहेल्ड डिवाइस, एआई-आईओटी सक्षम जूट फाइबर ग्रेडिंग सिस्टम, बायोथर्मोकोल सहित प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया गया।