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Digital Agriculture Mission: डिजिटल कृषि मिशन से भारत में कृषि क्षेत्र में नई क्रांति, 2.5 लाख युवाओं को मिलेगा रोज़गार, जानिए कैसे

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन

भारत की डिजिटल क्रांति ने वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा और खुदरा जैसे क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं और प्रबंधन को काफी हद तक बदल दिया है। इस प्रगति ने भारत को नागरिक-केन्द्रित डिजिटल समाधानों के क्षेत्र में वैश्विक नेता बना दिया है। इसी सफलता को कृषि क्षेत्र में भी दोहराने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 सितंबर 2024 को 'डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन' को मंजूरी दी, जिसका कुल बजट 2,817 करोड़ रुपये है, जिसमें से 1,940 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाएंगे।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन एक छत्र योजना के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो विभिन्न डिजिटल कृषि पहलों का समर्थन करता है। इसके मुख्य स्तंभों में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का निर्माण, डिजिटल जनरल क्रॉप एस्टिमेशन सर्वे (DGCES) का कार्यान्वयन, और केंद्र और राज्य सरकारों, साथ ही शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों द्वारा आईटी पहल शामिल हैं।

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के प्रमुख घटक:

  1. एग्रीस्टैक: यह एक किसान-केन्द्रित DPI है, जिसका उद्देश्य किसानों तक सेवाओं और योजनाओं को सरल और सुव्यवस्थित तरीके से पहुंचाना है। इसमें किसान रजिस्ट्रेशन, भू-संदर्भित गांव के नक्शे, और फसल बोने के रजिस्ट्रेशन जैसे तीन प्रमुख घटक शामिल हैं। एग्रीस्टैक की एक विशेषता 'फार्मर आईडी' है, जो आधार कार्ड के समान होगी और किसानों के लिए एक भरोसेमंद डिजिटल पहचान के रूप में कार्य करेगी। ये आईडी विभिन्न किसान डेटा से जुड़ी होंगी, जैसे भूमि रिकॉर्ड, फसलें, और प्राप्त लाभ। 19 राज्यों ने पहले ही कृषि मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और छह राज्यों में फार्मर आईडी और डिजिटल फसल सर्वेक्षण के परीक्षण भी किए जा चुके हैं।
  2. कृषि निर्णय समर्थन प्रणाली (Krishi DSS): यह प्रणाली फसलों, मिट्टी, मौसम, और जल संसाधनों पर डेटा को एक व्यापक भू-स्थानिक मंच पर एकीकृत करेगी, जिससे कृषि में सूचित निर्णय लेने की प्रक्रिया आसान होगी।
  3. मिट्टी प्रोफाइल मैपिंग: इस मिशन के तहत 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए विस्तृत मिट्टी प्रोफाइल नक्शे तैयार करने की योजना है। अब तक 29 मिलियन हेक्टेयर का मानचित्रण किया जा चुका है। यह जानकारी बेहतर फसल योजना और मिट्टी प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण होगी।

लक्ष्य और लाभ Goals and benefits:

डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान तैयार करना है। इसके अलावा, 2024-25 में 400 जिलों और 2025-26 में सभी जिलों को कवर करते हुए देशव्यापी डिजिटल फसल सर्वेक्षण लागू किया जाएगा। यह मिशन किसानों के लिए सेवाओं की डिलीवरी में सुधार करेगा, उन्हें वास्तविक समय पर सलाह, फसल ऋण, और सरकारी योजनाओं तक आसान पहुंच प्रदान करेगा।
इस पहल से 2,50,000 प्रशिक्षित स्थानीय युवाओं और कृषि सखियों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, जो ग्रामीण विकास में योगदान देंगे।

कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचा Digital Public Infrastructure for Agriculture:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के केंद्रीय बजट में घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में राज्यों के साथ साझेदारी में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचा तैयार किया जाएगा। इस पहल के तहत किसानों और उनकी भूमि का डेटा कवर किया जाएगा, और 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा।

निष्कर्ष: डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन और अन्य सरकारी पहलों का उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र को तकनीक के माध्यम से आधुनिक बनाना है। डेटा विश्लेषण, एआई और रिमोट सेंसिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके, यह मिशन उत्पादकता, पारदर्शिता, और दक्षता में सुधार करेगा, जिससे लाखों किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। इस व्यापक दृष्टिकोण से भारत की स्थिति तकनीकी रूप से सक्षम कृषि समाधानों में और मजबूत होगी।
 

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