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Arhar crop diseases: अरहर की फसल में लगने वाले रोग और कीट, जाने नियंत्रण करने के उपाय

अरहर की खेती
अरहर की खेती

भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है। देश में लगभग 232 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की खेती होती है, जिसमें अरहर एक प्रमुख फसल है। हालांकि, यह फसल कई प्रकार के कीटों और रोगों से प्रभावित होती है, जिससे उत्पादन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में किसानों को अरहर फसल में लगने वाले प्रमुख कीटों और रोगों की पहचान कर उनके प्रभावी नियंत्रण के लिए उचित प्रबंधन तकनीकों को अपनाना चाहिए।

अरहर में लगने वाले प्रमुख कीट और उनका नियंत्रण:

1. लीफ फोल्डर कीट:

  1. इस कीट की सुंडी पत्तियों को मोड़कर अंदर ही छिपकर खाती रहती है।
  2. पौधे की निचली सतह की पत्तियों पर इसका प्रकोप अधिक होता है।
  3. यह जुलाई से अगस्त के दौरान सबसे अधिक सक्रिय रहता है।

नियंत्रण:

जैविक नियंत्रण के लिए 5 मिलीलीटर नीम तेल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
25 किलो नीम की पत्तियों को पीसकर 50 लीटर पानी में उबालकर अर्क तैयार करें और इसका छिड़काव करें।

2. फली भेदक कीट (पॉड बोरर):

  1. मादा कीट फूल और फलियों में अंडे देती है।
  2. सुंडियां विकसित दानों को खाकर क्षति पहुंचाती हैं।
  3. व्यस्क कीट हल्के भूरे रंग के होते हैं।

नियंत्रण:

फेरोमोन ट्रैप लगाएं (30 मीटर की दूरी पर)।
जैविक नियंत्रण के लिए 5% नीम बीज पाउडर घोल और 1% साबुन घोल का छिड़काव करें।

3. फल मक्खी कीट:

  1. यह कीट अक्टूबर से अप्रैल के बीच अधिक सक्रिय रहता है।
  2. फलियों के अंदर ही अंडे देकर विकसित दानों को खा जाता है।
  3. इससे 50-80% तक उत्पादन हानि हो सकती है।

नियंत्रण:

अंडे दिखने पर 2% नीम तेल घोल का छिड़काव करें।
अरहर में लगने वाले प्रमुख रोग और उनके उपचार

1. फ्यूजेरियम विल्ट (मुरझाने का रोग): पत्तियां पीली पड़कर मुरझाने लगती हैं। तना सूख जाता है और जड़ें सड़ने लगती हैं।
नियंत्रण: गर्मी में गहरी जुताई करें। बुआई से पहले बीज उपचार करें।

2. अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट: पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे बनते हैं। पौधों की पत्तियां झड़ने लगती हैं।
नियंत्रण: कार्बेन्डाजिम फफूंदनाशी का छिड़काव करें। रोग-रोधी किस्मों का चयन करें।

3. पाउडर फफूंदी रोग: पत्तियों, तनों और फलियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ दिखता है।
नियंत्रण: सल्फर पाउडर का छिड़काव करें।

अरहर की फसल की सामान्य देखभाल:

  1. गहरी जुताई करें: गर्मी में खेत की अच्छी जुताई करें, जिससे कीट व रोगजनकों का नाश हो।
  2. संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें: नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की सही मात्रा का उपयोग करें।
  3. बीज उपचार करें: बुआई से पहले बीजों का ट्राइकोडर्मा या कार्बेन्डाजिम से उपचार करें।
  4. फसल चक्र अपनाएं: एक ही फसल बार-बार न लगाकर रोटेशन करें।
  5. नीम तेल और जैविक अर्क का प्रयोग करें: समय-समय पर छिड़काव कर कीटों और रोगों से बचाव करें।

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