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किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार ने फल और फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है, इसमें विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट को भी शामिल किया गया है। इसमें बिहार सरकार राज्य में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ अपने चौथे कृषि रोड मैप में ड्रैगन फ्रूट को भी शामिल किया है। ड्रैगन फ़्रूट उगाने के लिए 21 जिलों की मिट्टी अनुकूल है इसलिये इसकी खेती करने का निर्णय लिया गया है। किसानों को ड्रैगन फ़्रूट की खेती पर सरकार 40 फीसदी अनुदान देगी और राशि भी दी जायेगी। इसकी खेती के लिए किसानों को लगभग सात लाख पचास हजार रुपये का खर्च आता है।
राज्य सरकार किसानों को ड्रैगन फ़्रूट की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान देगी। किसानों को यह अनुदान तीन किस्तों में दिया जाएगा। पहली किस्त अनुदान की 60 फीसदी राशि यानी 1.80 लाख रुपये प्रति किसान प्रति हेक्टेयर दी जाएगी। दूसरी किस्त अगले वर्ष कुल अनुदान का 20 फीसदी यानी 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर 75 प्रतिशत पौधे जीवित रहने पर मिलेगी। अंतिम किस्त शेष 20 फीसदी राशि उसके अगले साल 90 फीसदी पौधे जीवित रहने पर दी जाएगी। इस तरह किसानों को कुल इकाई लागत का 40 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
बिहार सरकार ड्रैगन फ़्रूट की खेती करने के लिए राज्य के 21 जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों के जो भी किसान ड्रैगन फ़्रूट की खेती करना चाहते हैं वे ऑनलाइन आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। कृषि विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कुमार इस योजना के लिये राशि जारी करने का आदेश दिया है।
ड्रैगन फ़्रूट का स्वभाव: ड्रैगन फ़्रूट गुलाबी या लाल रंग का होता है और इसके अंदर का भाग सफेद व गूदा काफी रसदार और हल्का मीठा होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी, बी, कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्निशियम पाये जाते हैं। फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो वजन घटाने में सहायक होती है। ड्रैगन फ़्रूट का फल बाजार में एक सौ रुपये से चार सौ रुपये किलो तक होती है, जबकि इसे उगाने में किसानों का खर्च प्रति क्विंटल बेहद कम आता है। इसका एक पौधा 15 से 20 साल तक फल देता है।