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बिहार सरकार ने महिलाओं के तकनीकी और आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से ड्रोन दीदी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन समेत पूरे किट की कुल लागत का 80% यानी 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना स्थित आयोजित एक सभा में ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों की एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस मौके पर 16 जिलों से आई 201 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने नई तकनीकों को अपनाने और उनका लाभ उठाने पर जोर दिया।
ड्रोन उपयोग के फायदे: ड्रोन के जरिए कीटनाशकों और तरल खादों के छिड़काव में समय और लागत की बचत होती है। यह किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने में सहायक है। कृषि मंत्री ने बताया कि पारंपरिक छिड़काव यंत्रों की तुलना में ड्रोन अधिक प्रभावी और कम समय लेने वाला है।
ड्रोन दीदी योजना के लिये आवेदन: इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसान, खेतीबारी कृषि क्लिनिक संस्थापक, कृषि यंत्र बैंक, स्वयं सहायता समूह, अनुज्ञप्तिधारी कीटनाशी विक्रेता, किसान उत्पाद संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं, निजी कंपनियां आदि आवेदन के लिये कृषि यांत्रिकरण योजना की वेबसाइट (www.farmech.bih.nic.in) पर कर सकते हैं। लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से होगा।
बिहार में कृषि और महिला सशक्तिकरण को नई दिशा: इस योजना की सतत निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग के सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। ड्रोन की खरीद केवल डीजीसीए द्वारा कृषि उपयोग के लिए पंजीकृत ड्रोन के माध्यम से ही की जा सकेगी। इस अवसर पर कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और विभिन्न जिलों की 200 से अधिक जीविका दीदियां उपस्थित थीं। योजना के माध्यम से बिहार राज्य कृषि और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर अग्रसर हो रहा है।
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