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इजरायली की इस खास तकनीक से करे दशहरी आम की खेती होगी ज्यादा पैदावार, आइए Khetivyapar पर जानें क्या है खास तकनीक

इजरायली की इस खास तकनीक से करे दशहरी आम की खेती होगी ज्यादा पैदावार
इजरायली की इस खास तकनीक से करे दशहरी आम की खेती होगी ज्यादा पैदावार

फलों में आम फलों का राजा होता है। अप्रैल के प्रारंभ से आम (Mango) मार्केट में आने लगता है। दुनिया भर में लगभग 1500 किस्मों के आम होते हैं। इस दशहरी आम का स्वाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी ले चुके हैं साथ ही यह आम अमेरिका और दुबई से लेकर कई देशों तक निर्यात होते हैं। दशहरी आम को एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी नाम से जाना जाता है। खास बात है कि पेड़ से दशहरी आम को तोड़ने के बाद वो 4-5 दिनों तक चलता है। लेकिन इस एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी को 20 दिनों तक खाया जा सकता है।

इजरायली तकनीक से उगाये गये आम की खासियत:

इजरायली तकनीक तीन बिंदुओं पर आधारित है पहला पेड़ों की छंटाई, दूसरा पेड़ों को पूरा पोषण, वहीं तीसरा आमों की बैगिंग करना है। इजरायली तकनीक से आम की गुणवत्ता अच्छी होती है, जिससे इसकी कीमत अधिक होती है। जबकि, सामान्य दशहरी आम दो दिन भी नहीं चल पाता है, जबकि इजरायली तकनीक से उगाया गया आम लगभग 15 से 20 दिन तक चल सकता है। गर्मी के मौसम में लोंगों को आम का बेसब्री से इंतजार होता है। आम को मैंगो शेक, अचार, चटनी, हर तरह से आम का उपयोग कर सकते हैं। इसमे फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, कैलोरी, प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन ए, बी6, सी, फोलेट आदि मौजूद होते हैं।

एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी आम:

इजरायली तकनीक से उगाये गये आम को एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी नाम दिया गया है। इस पर एक भी दाग धब्बा नहीं होता है। यह अपने आकार से 20-25 फीसदी बड़ा काफी मोटा और खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। इस कारण इसका नाम एग्जॉटिक मिल्की व्हाइट दशहरी रखा गया है।

इजराइली तकनीकि से आम की होगी पैदावार:

पहले आमों का उत्पादन बहुत कम होता था जब से इजराइली तकनीकि द्वारा आम का उत्पादन किया जाने लगा तब से इसकी पैदावार अच्छी होती है। पहले सिर्फ एक लाख रुपये का ही मुनाफा होता था। इस साल यह मुनाफा पांच लाख रुपये के भी ऊपर जाने का अंदाजा है। इजरायली तकनीक से पिछले साल 20 हजार दर्जन आम की पैदावार हुई थी। अनुमान है कि इस तकनीक से इस बार लगभग 10 लाख दर्जन आम की पैदावार होगी। 

इजराइली तकनीकि से आम के पौधे कैसे लगायें: 

जनार्दन वाघेरे किसान नासिक में मैंगो फार्म के मालिक ने बताया, इजराइल में आम की खेती के दौरान 6 फीट की दूरी पर एक पौधा लगाया जाता है और कतार से कतार की दूरी 12 फीट होती है। उन्होंने आम के पौधों की बीच की दूरी कम कर 3X14 का नियम लागू किया। फसल में रसायनों का इस्तेमाल नाम मात्र के लिये किया और प्रति एकड़ 3 टन आम की पैदावार हुई। अब यही तकनीक जनार्दन महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों को सिखा रहे हैं।

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