अंडे हों या मुर्गी, इन दोनों की ही मांग पूरे साल रहती है। ऐसे में किसान मुर्गी पालन करके मुनाफा कमा सकते हैं। मुर्गी पालन की एक विधि है लेयर पोल्ट्री फार्मिंग। इस विधि का इस्तेमाल करके मुर्गी पालन से मोटी कमाई की जा सकती है। किसानों को इस खबर के जरिए हम इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे।
मुर्गी पालन करने का पहला चरण है अच्छे चूजों को खरीदना। चूजों को खरीदते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए कि हेल्दी चूजे का वजन 35-40 ग्राम से अधिक होना चाहिए। यह जरूरी है कि चूजों में कोई भी रोग ना हो। इसके लिए चूजों का टीकाकरण बेहद जरूरी होता है। इससे चूजों के शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। किसानों को विश्वसनीय हेचरी से चूजा खरीदना चाहिए। इन चूजों को चार महीने पालने के बाद 16 हफ्ते के बाद यह अंडे देना शुरू कर देते हैं।
दो सप्ताह के बाद चूजों को कैल्शियम का दो फीसदी का घोल देना चाहिए। यह अवस्था छह सप्ताह तक रहती है, क्योंकि चूजे इस अवस्था तक अपने शरीर का तापमान खुद नियंत्रित नहीं कर सकते। इनके शरीर के विकास के लिए पर्याप्त प्रोटीन और ऊर्जा की जरूरत होती है।
चार महीने में अंडा देने के लिए तैयार होती है मुर्गी: चार महीने के बाद नब्बे फीसदी मुर्गियां अंडे देने के लिए लेयर स्थान पर स्थानांतरित कर दी जाती हैं। मुर्गियों की हेल्थ का खास ध्यान रखना चाहिए। आम तौर पर एक प्रति ब्राउन लेगहॉर्न मुर्गी प्रति दिन 120 ग्राम और एक व्हाइट लेग हेन मुर्गी, ब्राउन लेग हॉर्न मुर्गी प्रतिदिन 105 दाना खाती है और प्रतिदिन एक अंडा देती है।
ऐसे होगा मोटा मुनाफा: आमतौर पर एक मुर्गी 6 महीने के बाद अच्छी संख्या में अंडे देना शुरू कर देती है। एक मुर्गी साल भर लगभग 300 -310 अंडे देती है। एक अंडा तैयार करने में करीब 3.50 रुपये का खर्च आता है और यह 4.50 रुपये तक बिकता है। यानी एक अंडे से सीधे 1 रुपये की बचत होती है। अगर आप केज तकनीक से 10,000 लेयर बर्ड फार्म शुरू करते हैं तो फार्म शुरू करने के 4 महीने बाद आपको रोजाना करीब 10,000 रुपये की आमदनी होगी। इस तरह आप एक महीने में तीन लाख रुपये तक कमा सकते हैं। केज सिस्टम से 10 हजार पोल्ट्री फार्मिंग के प्रोजक्ट के लिए एक एकड़ जमीन की जरूरत होती है।